चीन ने फिर से अमेरिका को वार्निंग दे दी है। चीन वैसे बहुत ज्यादा चेतावनी दे रहा है। चीन की चेतावनी को इतनी गंभीरता से वैसे अमेरिका लेता नहीं है। तो सबसे पहली बात तो यह है कि चीन ने कहा है कि, “देखो फर्जी में बातें मत बढ़ाओ नहीं तो हम तुम्हारे ऊपर एक्शन लेंगे “। चीन को अमेरिका में जो चीनी फर्म्स है उनको बचाना है और DONALD TRUMP पहले ही बोल दिया है कि हम तो रिस्ट्रिक्शंस लगाएंगे ही क्योंकी चीन अमेरिका में अपना यहां पूरा मार्केट बनकर बैठा है तो जो अमेरिका का इतना भयानक फिजिकल डिफिसिट है ,उसके लिए तो चीन पर कड़े कदम उठाने पड़ेंगे ,तो जो नए एक्सपोर्ट रिस्ट्रिक्शन है , जहां BIDEN एडमिनिस्ट्रेशन रिस्ट्रिक्शन को लगाने की बात कर रहा है और चीन और उनकी 200 कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की बात कर रहा है। तो एक तरीके से अभी DONALD TRUMP नहीं आया BIDEN लगता है की आखिरी वक्त में ही काम कर रहे हैं ,जब भी जाने वाले तभी। यह पहले कर लेते तो शायद BIDEN को वोट भी बढ़िया मिल जाते लेकिन अब जाकर जहां तक BIDEN की जो अभी तक पॉलिसी रही हो और चीन के फेवर में ही रही है , लेकिन अब लास्ट में उन्होंने कहा है की – 200 कंपनी के ऊपर हम रिस्ट्रिक्शन लगा देंगे एक्सपोर्ट रिस्ट्रिक्शन होगी और इसी हफ्ते होगी। तो ईमेल सबको गया है और तकरीबन 200 चीनी कंपनी है अब उसके बाद अमेरिका सप्लायर जो है इनसे ट्रेड नहीं कर सकेंगे और फिर चाइनीस कमर्स मिनिस्ट्री ने भी यही बोला है जो स्पोक्स पर्सन HE YADONG है। उन्होंने कहा है कि – देखिए यह सब मत करिए आप अपने नेशनल सिक्योरिटी के नाम पर कुछ भी करोगे और यह एक तरीके से यू आर एब्यूजिंग दिस एक्सपोर्ट, आप जबरदस्ती चीनी कंपनी को टारगेट बनाकर सही नहीं कर रहे ।
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अब देखिए भारत और चीन के रिलेशन बढ़िया होगए है और चीन कह रहा है – की भारत के साथ वह बिजनेस बढ़ाना चाहता है , औकात दिखा दी चीन को हमने एक तरीके से। लेकिन यहां पर डर का माहौल बना हुआ है और यह जो एक्शन है यह ग्लोबल ट्रेड ऑर्डर को डिस्टर्ब करेंगे। जब भारत ने चीन की कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया तो चीन की कमर इसलिए टूटी क्यों की भारत एक बहुत बड़ा मार्केट है। अमेरिका भी बहुत बड़ा मार्केट है ,अमेरिका और चीन की जो जंग है समझिए कि जहां से आपको पैसा आ रहा है पर आप उसको पैसा नहीं दे रहे हो तो फिर आप जिससे पैसा ले रहे हो और अगर वही आपसे बिजनेस करना बंद कर दे तो आप ही मारोगे ना उसको क्या करना है वो कहीं और से उठा लेगा माल। तो चीन को यही डर है कि फिर तो हम डिस स्टेबलाइजर हो जायेंगे ,पूरी तरीके से इंडस्ट्रीज सिक्योरिटी खत्म हो जाएगी और कॉरपोरेशन जो हम सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में हमने इतना अच्छा नाम बनाया है वो खत्म हो जाएगा सब कुछ, और क्योंकि चीन में चिप इंडस्ट्री है सारी की सारी। तो इंटरनेशनल इकोनामिको ट्रेड ऑर्डर को डिस्क्रिप्ट करेगा और इसकी करने की जरूरत क्या है समझ नहीं आ रहा ,चीन का ऐसा कहना है। और अगर अमेरिका इसी तरीके से एस्केलेट करता रहेगा कंट्रोलिंग मेजर्स लगाता रहेगा तो चीन भी फिर नेसेसरी एक्शंस लेगा अपने चाइनीस एंटरप्राइजेज को कंट्रोल करने के लिए। ELON MUSK जो अभी के समय DONALD TRUMP की सत्ता में बैठे हैं और DONALD TRUMP को लाने में उनका बहुत बड़ा हाथ है। हम सबको पता है कि ELON MUSK जो है वह चीन के बहुत ही ज्यादा करीबी माने जाते हैं। सबसे बड़ी बैटरी लिथियम आयन इंडस्ट्री जो है वह चीन में है , भारत में भी टेस्ला नहीं लाये है वो तो चीन में जाकर डील कर ली उन्होंने। और यह जो रिस्ट्रिक्शंस है फिर उनके ऊपर भी असर डालेगा हालांकि डेफिनेटली वह कंपनी तो इसमें नहीं है ,तो अमेरिका के चेंबर ऑफ कॉमर्स ने 200 चीनी कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने का एकदम मन बना लिया है। और अमेरिका हमेशा कहता है – कि चीन ने हमसे सब कुछ चुराया है, चीन हमसे चुरा के हम को ही आँख दिखा रहा है। तो जो सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी है उसमें अमेरिका का दबदबा होना चाहिए और चीन इन चिप्स का यूज अपनी मिलिट्री कैपेबिलिटी के लिए करेगा । तो ये हम होने नहीं देंगे, हम ब्लैक लिस्ट कर रहे हैं। तो अब सेमीकंडक्टर इक्विपमेंट और AI मेमोरी चिप्स इस पर रिस्ट्रिक्शन लगेगा । जिस तरीके से HUAWEI की बैंड बजाई थी अमेरिका और बाकी यूरोपीय नेशन ने ,वैसे नहीं है। इस समय देखिए HUAWEI और अन्य छोटी मोठी जो चिनी टेक्नोलॉजी कम्पनिया है वो इस समय की मेन प्लेयर है AI MEMORY CHIP में । देखिये हर चीज मेमोरी से चलती है। विदाउट तो इन चिप्स के बदौलत जहां पर इतना सारा डाटा स्टोर हो रहा है वह सब बेकार है। तो यह जो चिनी फैक्टरीज है वो सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरर इंटरनेशनल कॉरपोरेशन ओन करती हैं । HUAWEI ही 100 चीनी कंपनी के पार्टनर है ,यह होता क्या है – कि जैसे मैंने कंपनी खोल ली ,उदहारण के तौर पर सेमीकंडक्टर अब एक फैक्ट्री है वो सबको चिप देती है और वो जितने भी कम्पनियोसे से डील करती है बेसिकली जो मेन है जहां से चिप बनके आ रही है उसी पर ही रिस्ट्रिक्शन लगा दिया है , तो जाहिर सी बात है उसके इर्दगिर्द सारी कंपनियां जो है वो फेक्ट होगी। तो अब डिसीजन जो है वह BIDEN ने लिया है और अभी DONALD TRUMP आने बाकी है वह क्या करेंगे पता नहीं वह कह करें तो हम तो 10% एडिशनल टेर्रिफ लगा देंगे। तो मान के चलिए की चीन के साथ खूब ज्यादा लड़ाई झगड़ा होने वाला है अमेरिका का। और जब DONALD TRUMP आएंगे तो यह भी देखना दिलचस्प होगा कि वो कहां तक जाते हैं।
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