कंपनी का Draft Red Herring Prospectus (DRHP) आपको उनकी क्षमता का आकलन करने और यह समझने में मदद कर सकता है कि वे क्या पेशकश कर रहे हैं।
इसे आप गूगल कर सकते है “Upcoming IPO”
अब किसी मौजूदा आईपीओ को देखते है।
आईपीओ की जानकारी के लिए मेरी पसंदीदा वेबसाइट है चित्तौड़गढ़ डॉट कॉम (https://www.chittorgarh.com)उस पर विजिट करने पर आपको दो तरह के आईपीओ दिखेंगे। CURRENT और SME आईपीओ। आपको हमेशा CURRENT आईपीओ ही देखना है क्यूंकि SME आईपीओ कंपनियों के लिए होता है individual के लिए नहीं।
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अब आप CURRENT IPO में से किसी भी एक आईपीओ पर क्लिक कीजिये। तो आपको निम्न जानकारियों मिलेंगी।
- कंपनी की प्रोफाइल (स्ट्रेंथ,फीचर्स, क्षेत्र इत्यादि )
- कंपनी के प्रमोटर्स
- कंपनी के फाइनान्शियल
- ऑब्जेक्ट ऑफ़ थे इशू (आईपीओ लाने का उद्देश्य )
- इशू डिटेल्स (इशू की विस्तृत जानकारी )
- टेंटटिव डेट / टाइमलाइन (दिनांक ,समय ,उपलब्धता इत्यादि )
- आईपीओ रिव्यु
- सब्सक्रिप्शन स्टेटस
आईपीओ ख़रीदे या नहीं ये जानने के लिए आपको एक और बात पता होनी चाहिए वो है कंपनी की क्रेडिट रेटिंग। जो इस आईपीओ की डिटेल्स के बाद आप देख सकते है।
तो आइये जानते है स्टेप बाय स्टेप तरीके से।
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1. कंपनी की प्रोफाइल (स्ट्रेंथ,फीचर्स, क्षेत्र इत्यादि )
कई बार हमें पता नहीं होता जिस कंपनी का आईपीओ आ रहा है वो कंपनी क्या है ? और क्या कराती है ? कब बनी थी, उस कंपनी के क्लाइंट कौन है और उनका प्रोडक्ट पोर्टफोलियो क्या है। जैसे की एक कंपनी है “अम्बर इंटरप्राइजेस ” अब क्या आप जानते है की इ कंपनी क्या करती है? ज्यादातर लोग नहीं जानते है की ये कंपनी क्या करती है तो आपको इस कंपनी की पूरी जानकारी इसके आईपीओ पेज पर मिल जाएगी। जैसे की भारत की कई बड़ी एयर कंडीशनर बनाने वाली कंपनियां जैसे की Daikin ,Hitachi ,LG ,Panasonic ,Voltas और Whirlpool के लिए “अम्बर इंटरप्राइजेस ” ऐसी (या पार्ट्स )बनती है। कंपनी की खूबियां भी इसी प्रोफाइल में बताई जाती है। अब इस जानकारी के बाद ये कंपनी भरोसेमंद और बड़ी लगाने लगी है न आपको ? तो इस आईपीओ की जानकारी आप निम्न वेबसाइट पर जाकर देख सकते है।
2. कंपनी के प्रमोटर्स
प्रमोटर्स उन्हें कहते है जो इस कंपनी के सबसे बड़े हिस्सेदार है। मान के चलिए एक कंपनी है जिसमें चार लोग बराबर के हिस्सेदार है। यानि चारों कंपनी के प्रमोटर है। अब इस कॉलम में आप ये देख सकते है की इस कंपनी यानि अम्बर इंटरप्राइजेस के प्रमोटर कौन है ये कोई कंपनी हो सकती है, लोग हो सकते है। और अगर कोई सरकारी कंपनी होगी तो प्रमोटर प्राइम मिनिस्टर को दिखाया जाता है। अगर इस कंपनी की प्रमोटर कोई बड़ी कंपनी है या कोई बड़े व्यक्ति है तो इस कंपनी का भविष्य सुनहरा हो सकता है।
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3. कंपनी के फाइनान्शियल
कंपनी के पिछले पांच / चार या फिर तीन साल के बिज़नेस को इस कॉलम में दर्शाया जाता है। कंपनी के सेल्स (बिक्री )और मुनाफा (प्रॉफिट) कितना है यह आप देख सकते है। हमें फ़िलहाल सिर्फ साल दर साल का नेट प्रॉफिट देखना होता है ; यह बढ़ता हुआ होना चाहिए।
4. ऑब्जेक्ट ऑफ़ थे इशू (आईपीओ लाने का उद्देश्य )
आईपीओ लाने की वजह। इस कॉलम में कंपनी ये बताएगी की कंपनी को पैसों की जरुरत क्यों है। नया प्लांट बनाना है , बिज़नेस बढ़ाना है , कर्जे चुकाने है , शेयर मार्केट में लिस्टिंग करने से जो फायदे होते है USKE लिए या फिर जनरल कॉर्पोरेट परपज (सामान्य व्यवसाय गतिविधि ) के लिए। अगर कंपनी का कोई खास ऑब्जेक्ट नहीं है तो ऐसी कंपनी में निवेश से बचना अच्छा होता है। अगर कंपनी अपने नया प्लांट लगाने जैसे कारणों की वजह से आईपीओ लेकर आई है तो ऐसे आईपीओ से दूर ही रहिये। कंपनी जो शेयर्स पब्लिक को ऑफर कर रही है वो दो तरह के होते है।
फ्रेश इशू = वो शेयर्स जो कंपनी का हिस्सा है और पहली बार पब्लिक को ऑफर किये जा रही है।
ऑफर फॉर सेल = वो शेयर्स जो प्रमोटर के पास थे और प्रोमोटर उन्हें बेच रहे है।
5. इशू डिटेल्स
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- इशू ओपन :[ISSUE OPEN]
१७ जनवरी २०१९ -१९ जनवरी २०१९ (इन तीन दिनों के अंदर आप आईपीओ खरीद सकते है ,अप्लाई कर सकते है। ) - इशू टाइप :[ISSUE TYPE]
बुक बिल्ड इशू (निवेशकों से निवेश लेने के लिए लाया जाने वाला आईपीओ ) सभी आईपीओ इसी उद्द्येश्य से मार्केट में आते है। - इशू साइज :[ISSUE SIZE]
६,९८४,८६६ शेयर्स जिनकी कीमत दस रुपये है कुल छह करोड़ रुपये तक का इशू साइज है।
फ्रेश इशू :कंपनी के हिस्से से ४७५ करोड़ के शेयर्स जारी किये जा रहे है।
ऑफर फॉर सेल :प्रोमोटर के हिस्से से १२५ करोड़ के शेयर्स जारी किये जा रहे है। - फेस वैल्यू :[FACE VALUE]
एक शेयर की असली कीमत (१०) रुपये। अलग अलग कंपनी के शेयर की फसवलए अलग अलग हो सकती है। - इशू प्राइस :[ISSUE PRICE]
एक शेयर जिस कीमत पर बिक्री के लिए उपलब्ध है वह कीम। ८५५-८५९ इनमें से इसी एक कीमत पर शेयर जारी किये जा रहे है। आप जिस कीमत पर बाय (बिड) करना चाहे कर सकते है। - मार्केट लोट :[MARKET LOT]
कम से कम कितने शेयर्स खरीदने होंगे वह संख्या। इस आईपीओ में वह शेयर संख्या है (१७)। यानि ८५५ (शेयर की कीमत )* १७(शेयर्स संख्या)(८५५*१७=१४५३५) इस आईपीओ का १ लोट खरीदने के लिए १४५३५/- रुपये निवेश करने होंगे। - मिनिमम आर्डर क्वांटिटी :[MINIMUM ORDER QUANTITY]
कम से कम कितने शेयर आप खरीद सकते है इस आईपीओ में वह शेयर संख्या (१७) - लिस्टिंग एट:[LISTING AT]
NSE [ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ] और BSE [ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ] एक्सचैंजेस के नाम।
- इशू ओपन :[ISSUE OPEN]
6. टेंटटिव डेट / टाइमलाइन (दिनांक ,समय ,उपलब्धता इत्यादि )
यह तभी देखा जा सकता है जब “आईपीओ ” ओपन हो चूका हो।
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- बिड ऑफर ओपन :खरीदने के लिए आवेदन स्वीकार करने की शुरुआत दिन।
- बिड ऑफर क्लोज : खरीदने के आवेदन की अंतिम तिथि।
- फाइनलाइजेशन ऑफ़ बेसिस ऑफ़ अलॉटमेंट :शेयर्स बांटने की अंतिम गिनती।
- रिफंड : जिन्हे शेयर्स नहीं मिले है उनके पैसे रिफंड कर दिए जाते है।
- क्रेडिट : जिन्हे शेयर्स मिले है उनके डीमैट अकॉउंट में शेयर्स जमा कर दिए जाते है।
- लिस्टिंग :शेयर की लिस्टिंग स्टॉक मार्केट पर हो जाती है , ट्रेडिंग के लिए शेयर उपलब्ध हो जाता है।
7. आईपीओ रिव्यु
अलग अलग ब्रोकर द्वारा इस आईपीओ को सब्सक्राइब करने या अवॉयड करने (टालने ) के लिए सुझाव दिए जाते है। इन व्यूज को पूरी तरह सही नहीं माना जा सकता।
8. सब्सक्रिप्शन स्टेटस
इस अंतिम जनकारी में आप ये पद सकते है की कंपनी ने किस निवेशक ग्रुप के लिए कितने शेयर्स रिज़र्व रखे है और उनमे से कितने शेयर्स में खरीदारी हुई है। उदा अगर RII यानि रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर के लिए १०० शेयर्स रिज़र्व रखे हुए है। और तीन दिन में केवल ७० आवेदन आये है(७० शेयर बीके है ) तो कहा जाता है की इस आईपीओ में RII ने अंडर सब्सक्राइब किया है। और अगर १०० शेयर से ज्यादा शेयर्स खरीदने के आवेदन आते है तो इसे कहा जाता है RII ने ओवर सब्सक्राइब किया है।
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- QIB : क्वालिफाइड इंस्टीटूशनल इन्वेस्टर
फाइनांशियल कंपनियां, बैंक्स, फॉरेन इन्वेस्टर , म्यूच्यूअल फंस कंपनियां QIB कहलाती ह। - NII : नॉन इंस्टीटूशनल इन्वेस्टर
बड़े निवेशक (व्यक्ति), NRI (अनिवासी भारतीय), कंपनी और ट्रस्ट ये अपने आप को सेबी के पास NII के तौर पर रजिस्टर करा सकते है। - RII : रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर
आप और मैं इस कैटेगरी में आते है जिन्हे (प्रति व्यक्ति) एक आईपीओ में २ लाख रुपये से ज्यादा निवेश करने की अनुमति नहीं है। - EMPLOYEE : एम्प्लोयी
उसी कंपनी के “कर्मचारी” जिनके लिए कुछ शेयर रिज़र्व रखे हुए है।
- QIB : क्वालिफाइड इंस्टीटूशनल इन्वेस्टर
ऊपरी टेबल में आप देख सकते है की QIB ने १७४ % शेयर्स खरीदने के लिए आवेदन दिए है। जब की कुल शेयर्स १०० % है इसे ओवर सब्सक्राइब कहते है।
वही RII ने केवल ११ % सब्सक्राइब किया है यानि की अंडर सब्सक्राइब।
कुल मिलकर यह आईपीओ ओवर सब्सक्राइब हो चूका था , क्यूंकि QIB / NII ने ओवर सब्सक्राइब किया है।
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