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January 31, 2025

36 साल से बैन की हुयी किताब अब भारत में हुयी रिलीज : जानिए क्या है पूरा मामला।

एक ऐसी पुस्तक ने अब तक भारत में 36 साल बैन देखा है ,36 साल के बैन के बाद अब वह पुस्तक वापस से बाजार में उपलब्ध है। बड़ा सवाल यह है कि पहले से ही भारत के बाजार में थी ,हटा दिया गया था ?या कहीं बाहर की किताब थी ,अंदर आ गई थी ?अब क्या कर दिया गया है ?जरूरी जानकारी जरूर मिलेगी लेकिन फिलहाल जिस व्यक्ति की बात हो रही है उनका नाम है SALMAN RUSHDIE जो कि ब्रिटिश अमेरिकन नोवलिस्ट है। भारत के मुंबई में जन्मे थे ,कश्मीरी मुस्लिम थे ,लेकिन ब्रिटेन में रहना शुरू किया साथ-साथ अमेरिका में भी। इसके चलते उन्हें ब्रिटिश अमेरिकन नोवलिस्ट कहा गया। उनके एक नावेल जिसका नाम है THE SATANIC VERSES इसे मुसलमानो के द्वारा इशनिंदा में काउंट किया गया ,इस पुस्तक के THE SATANIC VERSES के विरोध में अब तक 59 लोगों की जान जा चुकी है ,लोगों ने इन पर भी बम फोड़कर ,इनकी आंख फोड़कर यह सारे हमले किए हैं। इनके खिलाफ ईरान में SALMAN RUSHDIE के फतवे जारी हो चुके हैं।फिलहाल यह ब्रिटेन में रहते हैं इनकी यह पुस्तक भारत में राजीव गांधी जी के टाइम पर बैन हुई बताई जाती है ,इसी के कारण यह सुर्खी बड़ी बनती है कि अब इनकी किताब भारत में आ गई है। अब यह किताब भारत में आई है तो क्या भारत सरकार राजीव गांधी जी के फैसले को पलटना चाह रही है ,या कुछ और हो रहा है ?

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हैडलाइन यही है कि SALMAN RUSHDIE की THE SATANIC VERSES नामक पुस्तक दिल्ली में उपलब्ध है और यह 36 साल के बैन के बाद वापस उपलब्ध हुई है। इस किताब में प्रोफेट मोहम्मद के बारे में जो बातें लिखी गई उन्हें मुस्लिम समाज के द्वारा इशनिंदा में अकाउंट किया गया और इशनिंदा में काउंट किए गए बातों के चलते इसे दुनिया भर के मुसलमानो ने विरोध में दर्शाया था और उन्हें विरोध में मुंबई में भी एक बार दंगे भड़के थे जिसमें लोगों की जान गई थी। दुनिया भर में इनके जो ट्रांसलेटर है उनकी भी जान चली गई। तो THE SATANIC VERSES की बात कर रहे हैं जो 36 साल के प्रतिबन्ध के बाद फिर से बाजार में आ रही है और दिल्ली के कई बुक स्टोर्स में इसके बारे में जानकारी दे दी है कि हमारे पास यह किताब उपलब्ध है, जानकारी सभी बुक सेलर्स में और जो प्रकाशक हैं उनके द्वारा दे दी गई है।

SALMAN RUSHDIE है कौन ?

1947 में मुंबई में SALMAN RUSHDIE एक कश्मीरी मुस्लिम परिवार में पैदा हुए थे ,यहां से उनका परिवार ब्रिटेन चला गया था ,ब्रिटेन में जाकर के उन्होंने पढ़ाई की ,ब्रिटेन के फेमस रग्बी स्कूल से। उसके बाद उन्होंने आगे की शिक्षा कैंब्रिज विश्वविद्यालय सी ली। 1968 में MA की डिग्री हासिल करने के बाद 1970 में लंदन के एडवर्टाइजमेंट लेखक के रूप में काम शुरू किया और 1975 में RUSHDIE ने ग्राइम्स नाम की एक पहली पुस्तक पब्लिश कि। इन्होंने चार शादियां की ,चार शादियों के साथ तलाक भी जुड़े ,पहली शादी हुई 1976 में 11 साल बाद तलाक हुआ ,उसके बाद दूसरी शादी अमेरिकी उपन्यासकार से हुई 1993 में उसके साथ तलाक हुआ ,1997 में एलिजाबेथ से शादी हुई उससे तलाक हुआ ,2004 में चौथी शादी की इस बार उन्होंने भारतीय मूल की अमेरिकी एड्रेस और मॉडल पद्मा लक्ष्मी से शादी की हालांकि उससे भी 2007 में इन्होंने तलाक ले लिया है। उपन्यास है मिडनाइट चिल्ड्रन जिसके लिए इन्हें बुकर प्राइज मिला यानी कि यह बहुत ही प्रतिष्ठित पुरस्कार के किताब लेखकों को दिया जाने वाला पुरस्कार है और यह जब कनफ्लिक्ट में आए उससे पहले लिखी गई पुस्तक के लिए मीला। यानी मिडनाइट चिल्ड्रन 1981 में और 1983 में बेस्ट ऑफ द बुकर्स नाम के पुरस्कार से इन्हें सम्मानित किया गया। इनकी अब तक 30 से अधिक किताबें लिखी जा चुकी है ,जो फिक्शन , नॉन फिक्शन और बच्चों पर लिखी गई किताबें हैं। इन्हें जिस समय यह पुरस्कार 1981 में मिला था ,तब की यह कटिंग है जिसे आप न्यूयॉर्क टाइम्स में देख रहे हैं।

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न्यूयॉर्क टाइम्स में देखिए यह खबर के साथ-साथ आप यहां पर जो कटिंग देख रहे हैं ,यह उन पुस्तकों की है जो इनके द्वारा लिखी गई। इनमें से यह जो नाइफ(KNIFE) करके पुस्तक लिखी गई है यह तो उस समय लिखी गई जब इनके ऊपर हमला हुआ और इनकी आंख चली गई। इनके ऊपर बम भी फोड़ा गया था अलकायदा ने ,हिज्बुल्लाह ने ,सब ने इनको मारने की प्लानिंग की थी। फिलहाल यह ब्रिटेन में रहते हैं ,पूरी पुलिस सिक्योरिटी में रहते हैं ,बाहर नहीं निकल पाते हैं ,जब यह एक बार बाहर निकले अमेरिका में तो इनके ऊपर इस तरह से हमला हुआ था। THE SATANIC VERSES नाम की किताब के चलते ही सारा विवाद हुआ है।
तो SALMAN RUSHDIE की पुस्तक THE SATANIC VERSES के कारण जो विवाद है अब उसकी बात करते हैं। इनकी चौथी नोवेल थी THE SATANIC VERSES जो 1988 में इनके द्वारा लिखी गई। इसमें प्रोफेट मोहम्मद को इंसल्ट किया गया ऐसा इसके अंदर मानने वाले मानते हैं ,यानी कि जो लोग इसमें बिलीव रखते हैं इस्लाम में ,उनका मानना है कि प्रोफेट मोहम्मद के बारे में यहां पर गलत बातें लिखी गई। THE SATANIC VERSES उपन्यास का जो हिंदी अर्थ है वह है “शैतानी आयतें ” इसमें मुस्लिम धर्म के लोगों की आपत्ति है। असल मायने में बताया गया कि इस पुस्तक में इन्होंने दो काल्पनिक कलाकारों की चर्चा की है ,उनमें दो कलाकार एक हवाई जहाज से मुंबई से लंदन जा रहे हैं , उनमें एक कलाकार फिल्म कलाकार है जिसका नाम जिब्रील है और दूसरा वॉयस ओवर आर्टिस्ट अलादीन है ,यह बम जा रहा होता है रास्ते में एक सिख आतंकी इस हवाई जहाज को हाईजैक कर लेता है यह कल्पना में फिक्शन में लिखी गई पुस्तक है और इस पुस्तक में इस तरह से कथा कहीं जा रही है कि मुंबई से एक फ़िल्म कलाकार साथ में एक वॉइस ओवर आर्टिस्ट जा रहे हैं रास्ते में उनका प्लेन हाईजैक हो जाता है हाईजैक हुआ प्लेन जब अटलांटिक ओशियन के ऊपर से गुजर रहा होता है उसी समय यह हादसा हो जाता है और यह हादसे के बाद जहाज समुद्र में गिरता है और समुद्र क्योंकि यह जहाज में विस्फोट हुआ था यह दोनों लोग बच जाते हैं। जब दोनों लोग बच जाते हैं तब यह क्या-क्या बातें करते हैं वह बातें इस पुस्तक में लिखी गई है और उन्ही पुस्तकों से मुसलमानों को इस बारे में आपत्ति है कि उसमें प्रोफेट मोहम्मद का गलत तरीके से वर्णन किया गया है।

SALMAN RUSHDIE 1988 में आए उपन्यास THE SATANIC VERSES को लेकर अलग-अलग देशो में विशेष रूप से इस्लामिक देशो में विरोध प्रदर्शन का कारण बने ,उनके पुतले फूंके गए ,किताब की प्रतियाँ जलाई गई ,भारत और ईरान जैसे देशों ने इस किताब को 1988 में आने के बाद बैन कर दिया। भारतीय मूल के जाने-माने लेखक जो SALMAN RUSHDIE है यह 3 दशक से ज्यादा इस्लामीक कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे। इन्होंने काफी समय गुमनामी में बिताया ,1989 में मुंबई में मुसलमानो ने एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया उस विरोध प्रदर्शन में पुलिस की गोलीबारी में 12 लोग मारे गए और 40 से अधिक लोग घायल हुए ,इतना ही नहीं ईरान के अंदर जो इस्लामीक क्रांति के अयातुल्ला खुमैनी है ,उन्होंने इनके लिए 1989 में फतवा जारी किया और उस फतवे की पालना में सेंट्रल लंदन की एक होटल में एक RDX का विस्फोट करके SALMAN RUSHDIE के ऊपर हमला किया गया जिसमें वह बाल बाल बच गए। बाद में मुजाहिद्दिन ऑफ़ इस्लाम ने इस घटना की जिम्मेदारी ली ,इसके बाद SALMAN RUSHDIE पर कई और जगह छिपकर और काफी सारी चीजों के तरह से हमले प्लान किए गए लेकिन वह बचते बचते निकलते रहे पुलिस प्रोटेक्शन में , 2006 के अंदर हिज्बुल्लाह संगठन के प्रमुख ने कहा कि SALMAN RUSHDIE ने जो इशनिंदा की है उसका बदला लेने के लिए करोड़ों मुसलमान तैयार है, इन्हें एक और आतंकी समूह ने इस बारे में चर्चा की।

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इसी प्रकार से 2010 के अंदर अलकायदा ने अपनी जो हिट लिस्ट जारी की उसमें इस्लाम का अपमान करने के आरोप में SALMAN RUSHDIE को भी मारने की बात की गई थी। तो एक तरह से SALMAN RUSHDIE को लंबे समय से अलकायदा हो ,हिजबुल्लाह हो ,ईरान हो ,भारत के अंदर कट्टरपंथी मुसलमान हो यह सब मारने के लिए तत्काल रूप से तैयार बैठे हैं। यह व्यक्ति फिर भी छुप छुप कर ब्रिटेन में बैठा हुआ है और ब्रिटेन से इस पुलिस की सिक्योरिटी में यह यात्रा करता है।

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SALMAN RUSHDIE की लाइफ जिस समय फतवे जारी होने लगे तब से आसान नहीं थी ,इस बीच में इनको खुमैनी की तरफ से जो धमकियां मिली थी ,उन धमकियों में 30 लाख करोड रुपए का इनाम घोषित किया गया था कि अगर इनको कोई मारता है तो उसे इतना धन दिया जाएगा और ऐसे में लोगों ने इस्लामीक चरमपंथियों के द्वारा जो भी इनको मारने के लिए तैयार होगा उसको उकसाया जा रहा था बाकायदा फतवा जारी करके। अब इस पूरे फतवे के एक्शन को खुमैनी ने 10 साल बाद मना कर दिया था – कि अब हमारा मारने में उनका इंटरेस्ट नहीं है लेकिन फतवा अभी डिलीट नहीं किया है। तो ऐसे में फतवा एक्शन में रहा इसके चलते SALMAN RUSHDIE को STAB किया गया यानी कि उनके ऊपर हमला किया गया ,चाकू से वार किया गया।

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12 अगस्त 2022 को ब्रिटिश अमेरिका नोवलिस्ट SALMAN RUSHDIE पर 2022 में जब वह एक फंक्शन में थे तो उनके ऊपर चाकू से एक लेबनानी अमेरिकी शख्स ने हमला कर दिया ,जिससे उनकी एक आंख की रोशनी चली गई। यह 12 अगस्त 2022 का US के अंदर न्यूयॉर्क स्टेट पुलिस के द्वारा दिया गया स्टेटमेंट है। यानी कि इस प्रकार से खोमैनी का फतवा 2022 तक भी चलता रहा ,जब इन पर 2022 में हमला हुआ तो इस हमले पर भी इन्होंने फिर किताब लिखी और उस हमले में KNIFE नाम की पुस्तक 16 अप्रैल 2024 को लिखी गई। अब चर्चा करते हैं कि इस पुस्तक का राजीव गांधी जी से क्या कनेक्शन है ?असल में द हिंदू के अंदर लिखा गया है कि यह राजीव गांधी गवर्नमेंट के अंदर 1988 में बैन की गई थी ,अब बैन के बारे में लिखा जाता है अलग-अलग न्यूज़ चैनल में – यह कहा जाता है कि जब पहली बार यह बात पता चली तो राजीव गांधी जी को भी नहीं पता था कि यह बुक बैन हो गई है ,ऐसा एक पत्रकार ने अपनी चर्चा में लिखा इंद्र मल्होत्रा नाम से इंडियन एक्सप्रेस में उन्होंने एक आर्टिकल में लिखा और उन्होंने कहा कि उन्हें यानी कि राजीव गांधी जी को उनके सूचना सलाहकार “जी पार्थ सारथी “ने यह जानकारी दी थी। क्यों जानकारी दी थी ? – क्योंकि जब राजीव गांधी जी को यह पता चला कि हमारे देश के अंदर यह पुस्तक बैन हो गई है तब “जी पार्थ सारथी “ने कहा की गृह मंत्रालय ने उन्हें रिकमेंडेशन दी है और गृह मंत्रालय के सचिव थे उस समय “सीजी सोमैया ” ,उन्होंने कहा है कि अगर इस किताब के ऊपर बैन नहीं लगाया गया तो देश की कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। इसी के चलते हुए राजीव गांधी जी की सरकार ने राजीव गांधी जी को बिना बताइए फैसला ले लिया ऐसा एक पत्रकार ने कहा। एक और कहानी है जिसमें कहते हैं कि राजीव गांधी जी के विदेश मंत्री थे “नटवर सिंह ” उन्होंने उनको बताया कि इस किताब पर बैन लगाया जा सकता है और इन्होंने कहा कि राजीव गांधी जी पर इस बात का दोश मड़ना ठीक नहीं है ,क्योंकि दोष मड़ते ही मुस्लिम पुष्टिकरण की बात निकल कर आती है – कि मुसलमानो को खुश करने के लिए राजीव गांधी जी ने ऐसा किया था जबकि वास्तविकता यह है कि “लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन करने के लिए इस पुस्तक को बैन किया गया था “। और इसमें एक और इंटरेस्टिंग ट्विस्ट यह है कि लॉ एंड ऑर्डर गृह मंत्रालय के अधीन आता है ,लेकिन इस पुस्तक को वित्त मंत्रालय ने बैन किया। अब यह क्या कहानी है ? – देखो बाहर से जब कोई सामान इंपोर्ट होता है ,क्योंकि पुस्तक कहां लिखी गई ब्रिटेन में। अगर वहां से यहां आएगा तो इंपोर्ट होगा और इंपोर्ट बैन करने की पावर किसके पास है , वित्त मंत्रालय के पास है।

इसीलिए कहा जाता है कि वित्त मंत्रालय के द्वारा इस पुस्तक पर कस्टम एक्ट के तहत पाबंदी लगा दी गई कि यह पुस्तक इंडिया नहीं आ सकती और जब इंडिया नहीं आ सकती इस पर गृह मंत्रालय की रिकमेंडेशन पर वित्त मंत्रालय के द्वारा रोक लगाई गई थी यह जानकारी हैडलाइन बनती है। इस पर भी SALMAN RUSHDIE जो है उन्होंने अपनी टिप्पणी की थी और कहा था कि “This is no way for a free society to behave ” यह कोई तरीका नहीं है एक फ्री सोसाइटी के जीने का कि वह पुस्तक को इसलिए बैन कर दे कि उसे लगता है कि लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ जाएगा यह SALMAN RUSHDIE ने राजीव गांधी जी से कहा। इस बात में SALMAN RUSHDIE के जो किताब है इस बात को लेकर के PC जो चिदंबरम साहब थे उनका भी मानना था जो कांग्रेस के काफी वरिष्ठ नेता रहे हैं ,भारत के वित्त मंत्री रहे हैं ,उनका कहना था कि SALMAN RUSHDIE की किताब पर बैन लगाने का जो सरकारी फैसला था यह गलत फैसला था यह फैसला नहीं होना चाहिए था।

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तो यह मामला अब जानकारी में आया कैसे ? अब सरकार ने इस पर से बैन हटाया क्यों ?

तो कहानी है 2019 की संदीपन खान नाम के एक शख्स ने एक याचिका दायर की और उसने कहा कि उसने यह THE SATANIC VERSES नाम की किताब मंगवाई थी। इस किताब को मंगवाया तो कस्टम विभाग की तरफ से 36 साल पहले जारी किया गया नोटिफिकेशन याद दिलाते हुए कहा कि इस किताब की इंपोर्ट पर रोक है। नोटिफिकेशन ना किसी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध था और ना ही किसी संबंधित अधिकारी इससे जुड़े दस्तावेज लेकर मौजूद था। लेकिन इस पुस्तक को इंपोर्ट नहीं होने दिया यह कहते हुए की 36 साल पहले इस पर रोक लगी हुई है। यह संदीपन खान नाम का जो व्यक्ति है इस याचिका को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गया और हाई कोर्ट को जाकर कहां की अगर किताब पर प्रतिबंध है तो वह आदेश तो दिखा दो जिसमें यह लिखा गया है कि यह पुस्तक नहीं आयात की जा सकती ,सरकारी मुलाजिमों के पास वह आदेश की प्रति नहीं थी ,वह सूचना ही नहीं थी जिसमें कि इस पर बैन को जस्टिफाई किया जा सके।

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तो “NO NOTIFICATION EXISTS ” यह खबर आज से 1 महीने पहले बाहर आई। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि हम उस PLEA को रिजेक्ट करते हैं ,जो की बैन से रिलेटेड थी कि इस पुस्तक के ऊपर बैन है ऐसी कोई हमारे देश में अधिसूचना कस्टम विभाग के पास नहीं मिली। नहीं मिली तो फिर इस पर बैन किस बात का और बैन नहीं है तो यह पुस्तक बेचीं जा सकती है।

तो ऐसे में दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि “हमारे पास यह मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है कि ऐसा कोई नोटिफिकेशन मौजूद ही नहीं है इसलिए हम इसकी वैधता की जांच नहीं कर सकते “। नोटिफिकेशन मौजूद नहीं है और एक तरफ बात हो रही है कि राजीव गांधी जी ने बैन किया था। बैन किया था तो कोई इसका आदेश नहीं है ,तो फिर बैन कैसे हो गया यही बात अपने आप में बड़ी बात है। खैर फिलहाल के लिए जब बैन नहीं है तो बीके क्यों नहीं – इसीलिए यह पुस्तक मार्केट में आ रही है।अब तक इस पुस्तक के अंदर 59 लोगों की जान जा चुकी है ,इतना ही नहीं एक जापानी अनुवादक थे जिनका नाम “हितोशी इगाराशी ” था जिन्होंने इसका अनुवाद जापानी में किया था उनकी भी हत्या कर दी गई। 59 लोग इस पुस्तक के चलते मारे जा चुके हैं ,अब यह पुस्तक इंडिया में है ऐसे में इसके ऊपर इशनिंदा का आरोप लगता है और इशनिंदा के चलते अब भारत में इस पुस्तक को बैन करने की मांग की जा रही है। मुस्लिम संगठनों के द्वारा इस्लामिक स्कॉलर्स के द्वारा ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष “मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रिजवी बरेली ” ने बुधवार को कहा कि SALMAN RUSHDIE की पुस्तक THE SATANIC VERSES पर लगे जो पाबंदी थी उसे कायम रखा जाए ,उसकी नीयात खत्म हो गई है ,अब कुछ लोग इसको भारत में दोबारा छापने की योजना बना रहे हैं ,भारत सरकार से मांग है कि इस पर दोबारा पाबंदी लगाई जाए जो लोग इसको प्रकाशित करना चाहते हैं और वह किताब को ना छापे। इन्होंने अपनी तरफ से यह बात बोली तब देखना होगा SALMAN RUSHDIE की जो पुस्तक है यह भारत में आती है या नहीं आती।

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