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January 17, 2025

आखिर क्यों चाह रहे हैं अदानी पेट्रोकेमिकल्स बिज़नेस में उतरना?

बाजार की बातों में आज अडानी की चर्चा है ,जिस अदानी को लंबे समय से आप हिडेनबर्ग के चलते ,माधवी पूरी भुज के चलते ,या फिर अभी US Indictment के चलते सुन रहे थे ,BAD NEWS में ये था – की अदानी विल्मर से बाहर निकल रहे हैं और इनके ऊपर लगातार नेगेटिव इंपैक्ट देखने को मिल रहा था। अब वह कुछ और करने की तैयारी में है और तैयारी में इस बार थोड़ा सा इनकी सकारात्मक खबर की तरफ वृद्धि है। सकारात्मक खबर यह है कि अडानी जो है वह अंबानी को टक्कर देने के लिए पेट्रोकेमिकल बिजनेस में पैर रख रहे हैं।

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अब चलेंगे देने की बारी आई तो अंबानी के कार्यक्षेत्र में प्रवेश मार रहे हैं और ऐसे में हेडलाइंस बड़ी बनती है कि Gautam Adani throws new challenge at Mukesh Ambani और ऐसा करते हुए उन्होंने एक ज्वाइंट वेंचर एग्रीमेंट साइन किया है थाईलैंड की एक कंपनी के साथ में ,इंडोरामा के साथ में और ज्वाइंट वेंचर के साथ भारत में एक नई कंपनी लॉन्च कर दी है। पेट्रोकेमिकल सेक्टर के अंदर अडानी की एंट्री एक पॉजिटिव डेवलपमेंट देखी गई। शेयर मार्केट के अंदर इस खबर का सकारात्मक असर देखा गया ,अडानी के शेयर्स में इंडोरामा के एंट्री के साथ में एक पॉजिटिव मार्केट स्टॉक देखा गया ,मार्केट में इसे पॉजिटिव तरीके से लिया है। ऐसा करने के लिए अदानी एंटरप्राइजेज ,थाईलैंड की बड़ी कंपनी जिसका नाम है Indorama Resources Ltd (IRL) उनके साथ मिलकर के काम करने जा रही है। थाईलैंड की यह पेट्रोकेमिकल कंपनी अडानी के साथ मिलेगी और भारत में एक नई कंपनी बनाएगी यह आज की बड़ी खबरों में से एक थी और यह दोनों मिलकर के Valor Petrochemicals Ltd (VPL) के नाम से एक कंपनी यानी VPL के नाम से एक कंपनी बना रहे हैं। अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की जो सहायक कंपनी है ,Adani Petrochemicals Ltd (APCL) वह थाईलैंड की कंपनी Indorama Resources के साथ मिलकर के इस चीज को बना रही है। तो देखिए अदानी एंटरप्राइजेज के अधीन है ,अडानी पेट्रोकेमिकल लिमिटेड और इंडोरामा रिसोर्सेस यह दोनों मिलकर बना रहे हैं वेल्लोर पेट्रोकेमिकल लिमिटेड। तो एक नई कंपनी की स्थापना इंडिया के पर्सपेक्टिव से की गई है ,एक बेस अमाउंट ₹500000 का डालकर कंपनी के अंदर स्टार्ट इनिशियल स्टॉक को इसी तरह से डिफाइन करने का प्रयास है ,5 लाख के स्टॉक में ढाई लाख अडानी के हो गया और ढाई लाख जो Indorama Resources है इसके हो गए हैं।

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यह अडानी के द्वारा दिया गया इनफॉरमेशन है और उस इनफॉरमेशन में इन्होंने लिखा कि हम एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी बना रहे हैं। जैसे अडानी के साथ अदानी विल्मर सुनते थे ,जिसमें विल्मर और अडानी मिलकर के काम कर रहे थे ,उसमें से अदानी विल्मर से अलग हो गए ,वह भी एक ज्वाइंट वेंचर था दो बड़े ब्रांड आपस में मिलकर ज्वाइंट वेंचर लाए थे बराबरी के साथ ,एक्जेक्टली यहां पर भी अब अदानी पेट्रोकेमिकल्स के अंदर जो यह VPL बना है ,ये अदानी पेट्रोकेमिकल के साथ मिलकर के थाईलैंड की जो इंडोरामा है इन दोनों ने मिलकर के इस VPL का निर्माण किया है। तो यह एक बड़ी खबर इस समय की बनकर आती है। अब बड़ा सवाल यह है कि इस तरह का काम करने की तैयारी कर क्यों रहे हैं ,मतलब अल्टीमेटली अदानी इस क्षेत्र में उतरना की क्यों चाह रहे हैं ? जैसे सीमेंट के क्षेत्र में एक अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं ,क्या वैसे ही यहां पर भी कोई लड़ाई लड़ने की तैयारी हो रही है क्या ? तो यह अपने आप में एक बड़ी खबर है।

अब इस पॉइंट को हम समझने का प्रयास करते हैं। तो ऐसे में कंपनी ने अपनी फायलिंग के अंदर जो यह VPL का गठन करने की बात कही है ,इसका मकसद क्या है ? तो मकसद साफ है ,इनको पेट्रोकेमिकल सेक्टर में बढ़कर आना है। अडानी के जो इतने सारे बिज़नेसेस चल रहे थे ,उन बिज़नेस में अब ऑयल बिजनेस के अंदर भी ,या पेट्रोकेमिकल के अंदर भी आ जाएंगे। ऑलरेडी अडानी की अदानी गैस आती है ,जिससे टोटल गैस के नाम से भी जाना जाता है ,वह ऑलरेडी इनका एक प्रोडक्ट है लेकिन अब यह इसी पेट्रोकेमिकल बिजनेस के अंदर और हाथ आजमाने की तैयारी कर रहे हैं। जिसमें अंबानी का काम बहोत बड़ा सारा है यानि मुकेश अंबानी की जो टोटल कंपनी की वर्थ है ,उसमें 20% उनके पेट्रोकेमिकल व्यापार की तरफ से आता है। अंबानी का जो अपना कारोबार है ,उस अंबानी के कारोबार में जामनगर रिफायनरी अपने आप में देश की नहीं दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट और रिफाइनरी मानी जाती है ,बिल्कुल उसी के तर्ज पर क्या अब अदानी उनको टक्कर देने के लिए भारत के अंदर कुछ और विकल्प प्रस्तुत करने वाले हैं क्या ? यही खबर आज की बड़ी खबरों में से है।

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पेट्रोकेमिकल है क्या ?

असल मायने में जो पेट्रोलियम है ,इन पेट्रोलियम के बाय प्रोडक्ट्स जितने भी हैं वह पेट्रोकेमिकल के अंदर कंसीडर किए जाते हैं। फिर चाहे पेट्रोलियम के अंदर आप फ्यूल की बात करें ,चाहे गैसेस की बात करें और तो और आप इसके साथ-साथ पेंट्स की ,प्लास्टिक की ,स्पेस सूट की सोलर पैनल्स की ,मेडिसिन की ,मोबाइल फोंस की कहने का मतलब ये ऑर्गेनिक सब्सटेंस से बनने वाले प्रॉडक्ट्स जितने भी हैं वह सब पेट्रोकेमिकल्स में काउंट किए जाते हैं। इसका भारत में बड़ा बाजार है मतलब आज पेट्रोकेमिकल में केवल OIL निकलता है यह कहना अधूरापन है। पेट्रोकेमिकल्स के अंदर वैसलीन कुछ 80 प्रकार से अधिक तरह के प्रोडक्ट पेट्रोकेमिकल्स के अंदर 80000 वैरायटी आफ केमिकल्स जो है , वह पेट्रोकेमिकल सेक्टर के अंदर संभव है। मतलब बहुत सारे बाय प्रोडक्ट्स पेट्रोकेमिकल सेक्टर के अंदर से बंद करके आते हैं।

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ऐसे में रिलायंस जो है वह लंबे समय से इस सेक्टर में काफी बड़ा काम कर रही है और रिलायंस का खुद का पेट्रोकेमिकल बिजनेस उनके टोटल अंपायर का लगभग 20% रखता है। कंपनी की ग्रोथ की जब-जब बात की जाती है अंबानी के ग्रंथ के अंदर ,तो उसमें पेट्रोकेमिकल की जो बिज़नेस हैं और उन बिज़नेस को बड़ा बिजनेस के रूप में कंसीडर किया जाता है ,OIL और एक्सप्लोरेशन प्रोडक्शन एंड यहां पर आप अगर देखे तो यह पेट्रोकेमिकल्स में ही इनके टेक्सटाइल वगैरा के सारे काम आते हैं। तो पेट्रोकेमिकल it self क्योंकि पॉलीमर बना रहा है ,या फिर ट्रांसपोर्टेशन के फ्यूल बना रहा है ,इलेक्ट्रोमर्स बना रहा है ,इंटरमीडिएट एंड पॉलिएस्टर बना रहा है ,तो यह सब पेट्रोकेमिकल बिजनेस में काम काउंट होते हैं। समझिए कि आप और हम संभवत: फ्यूल से डायरेक्ट पेट्रोकेमिकल को पेट्रोल से रिलेट करके समझ ले लेकिन वास्तविकता में पेट्रोकेमिकल के अंतर oil के साथ-साथ पॉलिमर्स ,इलास्टमर्स ,इंटरमीडिएट और पॉलिएस्टर भी काउंट कर रहा है अंबानी। इसका मतलब अगर अदानी इस सेक्टर में एंट्री कर रहे हैं तो जरूरी नहीं है कि तेल ही प्रोड्यूस करेंगे यार रिफाइनरी ही लगाएंगे हो ,सकता है कि वह यार्न बिजनेस लगाए , हो सकता है कि वह कोई ऐसा काम करें जो कपड़े व्यवसाय के अंदर बहुत काम का हो। तो इसीलिए मुकेश अंबानी के बाद अब अडानी का जिक्र इस सेक्टर में किया जा रहा है।

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तो अब पेट्रोकेमिकल व्यवसाय के अंदर जब अडानी की बात आती है तो क्या यह अचानक हुआ है ? जी नहीं। तो फिर कब हुआ है ? आज से लगभग 2 साल पहले ही अदानी ने चार बिलियन डॉलर पेट्रोकेमिकल काम्प्लेक्स में लगाने की बात कही थी। कि भाई हम 4 मिलियन डॉलर के आसपास इस सेक्टर में इनवेस्ट करेंगे। तो ऐसे में रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल केमिकल बिजनेस के लिए इन्होंने इस VPL नाम की कंपनी का गठन किया है ,जिसमें चार बिलियन डॉलर से ज्यादा का यह निवेश करने वाले हैं।

फिर देखिए नई खबर फिर से तैरती है जिसमें कहा जाता है कि अदानी ग्रुप जो है वह 4 बिलियन डॉलर पेट्रोकेमिकल बिजनेस के अंदर अगले साल लगाएंगे। तो वही साल अब आ चुका है जब इन्होंने थाईलैंड की इंडोरामा नाम की जो कंपनी है ,उसके साथ मिलकर के अपनी एक कंपनी VPL बनाई है और मिलकर के लोग 35000 करोड़ लगभग 88500 करोड़ का एक बिलियन डॉलर है ,तो ₹35000 करोड रुपए की आसपास इन्होंने इस प्लांट की कीमत नापी है ,जो यह गुजरात के मुंद्रा पोर्ट के अंदर लगाने जा रहे हैं। तो मुंद्रा पोर्ट में यह पेट्रोकेमिकल क्लस्टर बना रहे हैं ,जिसमें PVC प्लांट लग रहा है ,Poly Vinyl Chloride का जिसके अंदर PVC प्लांट भी शामिल है ,यह भी यहां पर लग रहा है। इससे पहले भी अदानी ने गुजरात की मुद्रा में एक केमिकल फैक्ट्री लगाने के लिए जर्मन केमिकल कंपनी के साथ पार्टनरशिप की थी। तो एक बात यहां पर समझना बहुत ज्यादा जरूरी है और वह यह है कि यहां पर ऑयल एक्सप्लोरेशन की ही बात नहीं हो रही है ,फाइबर की , फाइबर के साथ-साथ क्लस्टर के निर्माण में इंटरमीडिएट की ,पॉलिएस्टर की ,इस तरह की बातें इस क्लस्टर के अंदर की जाएगी।

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अब आपके दिमाग में सवाल आएगा यह इंडोरामा कंपनी कौन है ? तो यह थाईलैंड की बड़ी कंपनी है और इस बड़ी कंपनी का काम जो है वह PET resins बनाने में ,या फिर जो ऊनी कपड़े होते हैं उनका धागा ,उस धागे के निर्माण में इसका बड़ा योगदान है। तो इस तरह के ऑर्गेनिक गुड्स भी पेट्रोकेमिकल्स में काउंट हो रहे हैं और इनॉर्गेनिक प्रोडक्ट्स में पेट्रोकेमिकल्स में काउंट हो रहे हैं। तो अब सवाल बना कौन है इसका मालिक ? वह यह है इसके जो फाउंडर है उनका नाम Aloke Lohia है और यह यह 1994 में ही बैंकॉक चले गए थे। इंडिया से थाईलैंड चले गए थे ,वहां इन्होंने इस कंपनी का स्थापना किया ,आज यह वहां की बहुत बड़ी कंपनी है और यह कंपनी दुनिया में सबसे बड़ा PET resins पैदा करने वाली कंपनी है। यह इंडिया में आकर के अडानी के साथ टाइ अप कर रही है। तो यह है Aloke Lohia जो की बैंकॉक में रहते हैं , उनकी अपनी जो जर्नी है वह यह है कि यह दिल्ली यूनिवर्सिटी से पड़े हुए हैं और यह वहां पर सेटल हो गए और अब यह इंडोरामा वेंचर्स के मालिक हैं और यह वहीं पर सेटल्ड है। तो इंडिया में इनका आगमन है इंडोरामा का ,यह अडानी के साथ हो रहा है और अडानी के साथ यह VPL बना रहे हैं। एक तरीके से अच्छा है भारत के अंदर भारतीय लोग आकर के वेंचर्स लगा रहे है। अभी 31 देशों में इंडोरामा का काम चल रहा है , जब HMPV वायरस की चर्चा आ रही थी तब स्टॉक मार्केट गिरा था लेकिन इस खबर से मार्केट के अंदर सकारात्मक वृद्धि देखी गई। अडानी के खुद के स्टॉक्स के अंदर वृद्धि देखी गई मार्केट के अंदर ,जो लगातार गिरावट आ रही थी ,उस मार्केट की गिरावट में थोड़ी सकारात्मक वृद्धि अडानी के शेयर्स में ,अदानी एंटरप्राइजेज के शेयर में इस खबर की वजह से बताई जा रही है।

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