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January 17, 2025

बड़े दुःख की बात है कि आज के डेट में भी हमें सेक्स रेश्यो के बारे में डिस्कशन करना पड़ रहा है। जो की एक नॉर्मल फिनोफेना होना चाहिए कि जब भी किसी पेरेंट्स को कोई बच्चा होता है ,चाहे वह गर्ल हो ,या फिर बॉय हो ,उसको एक ही तरह से लेना चाहिए। लेकिन हमारे देश में अभी भी कुछ हिस्से ऐसे हैं ,जहां पर गर्ल चाइल्ड को प्रेफर ना करके बॉय चाइल्ड को प्रेफर किया जाता है और इसी की वजह से कहीं ना कहीं जो सेक्स रेश्यो है उन कुछ राज्यों में वहां पर आपको कम देखने को मिलेगा और स्पेशली हमारे देश के लिए एक बड़ी सेटबैक की बात है।

हरियाणा के अंदर जो लेटेस्ट नंबर आया है ये काफी चौंकाने वाला है ,क्योंकि आपको याद होगा “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ” यह जो नारा दिया गया था ,उसके बाद हरियाणा के अंदर काफी हद तक चीजे इंप्रूव हुई थी ,ऐसा लग रहा था कि सब कुछ नॉर्मल हो जाएगा लेकिन वापस से जो ट्रेंड है वह रिवर्स हो गया है और 2024 का जो आंकड़ा आया है ,इसमें आप देख सकते हो सेक्स रेश्यो एट बर्थ यह 910 पर पहुंच गया ,जो की चिंता की बात है। थोड़ा इसको समझेंगे कि एक्जेक्टली हो क्या रहा है ,इसके पीछे का कारण क्या बताया जा रहा है, सरकार क्या कर रही है ?काफी कुछ जानने को मिलेगा।

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एक्जेक्टली हुआ क्या है?

यहां पर आपको बता दें 2019 में हरियाणा में जो सेक्स रेश्यो एट बर्थ है , यह पीक पर चला गया था। एक्चुअली हो क्या रहा था – कि 2019 के पहले 2014 के पहले अगर आप देखोगे तो सेक्स रेश्यो एट बर्थ यह काफी ज्यादा कम होता जा रहा था ,लेकिन यहां पर चीजों को इंप्रूव किया गया और 2019 तक चीज इंप्रूव हुई ,लेकिन वहां से वापस से आपको डिक्लाइन देखने को मिलेगा और 2024 में जो आंकड़ा आया है ,वह पहुंच गया है 910 पर। पिछले 8 सालों में सबसे लोएस्ट और इसी की वजह से कई सारे जो activists है, civil सोसाइटी के मेंबर्स हैं ,उनको चिंता हो रही है – की चीजे रिवर्स क्यों होती जा रही है। हम आपको एक चीज बता दें देखो सेक्स रेश्यो कि जब हम बात करते हैं ,तो बेसिकली इसका सिंपल अर्थ होता है ,हर 1000 मेल पर कितनी फीमेल पैदा हो रही है और जब हम बर्थ की बात करते हैं ,सेक्स रेश्यो तो क्या है कि ओवरऑल पापुलेशन कि हम बात करते हैं ,लेकिन सेक्स रेश्यो एट बर्थ जहां पर हम हरियाणा में इस समय इस चीज की बात कर रहे हैं। वह बच्चा जो जन्म होता है उस समय कितना सेक्स रेश्यो है? उसकी हम चर्चा कर रहे है और ये बहोत ही महत्वपूर्ण मापदंड(crucial yardstick ) होता है जिससे हम जेंडर इक्वलिटी को मेजर कर सकते हैं ,साथ ही साथ जो सोसाइटी के अंदर महिलाओं के प्रति उनका well -being है ,स्टेटस है , उसको भी हम डायरेक्टली इस पार्टिकुलर आंकड़े के माध्यम से देख सकते हैं। ध्यान रखिएगा भारत की जब हम बात करें तो National Health and Family Survey -5 जो हुआ था 2021 में जो पब्लिश किया गया था ,उसके अकॉर्डिंग भारत का जो टोटल ओवरऑल सेक्स रेश्यो है एट बर्थ वह होगा आपका 929 तो , यह आपको ध्यान में रखना है।

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हरियाणा के लिए क्यों इतना बड़ा Setback है?

2024 में हरियाणा में टोटल 516000 बच्चे पैदा हुए, तो इनमे से लगभग 52 .35 % बॉयज हुए और 47% गर्ल्स हुई। तो यहां पर जो हर 1000 बॉयज जो पैदा हुए उसपे लगभग 910 गर्ल्स पैदा हुई ,तो इसी की वजह से यहां पर सेक्स रेशों एंड बर्थ का जो आंकड़ा है 2024 का ,हरियाणा का वह 910 निकल कर आया है। एक ऐसे राज्य के लिए आप समझिए पिछले दशक में काफी कुछ इंप्रूवमेंट हुआ था ,उसके बाद यह आंकड़े आना यह कही ना कहीं एक बड़ा Setback आता है और 2014 में वैसे अगर आप देखोगे सेक्स रेश्यो हरियाणा में वह 871 था जिसकी वजह से काफी ज्यादा पूरे देश भर में इसको लेकर चिंता हो रही थी – कि आखिरकार हरियाणा में हो क्या रहा है ,की सेक्स रेश्यो एट बर्थ 871 कैसे हो सकता है ,इतना ज्यादा कम कैसे हो सकता है और इसी को देखते हुए यहां पर सिविल सोसाइटी ,एनजीओ ,स्टेट गवर्नमेंट ,सेंट्रल गवर्नमेंट सभी ने मिलकर काम किया और 2015 में आपको याद होगा ,प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी जी ने एक कैंपेन लांच किया था ,” बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ” का और वह पानीपत से स्टार्ट किया गया था ,स्पेशली हरियाणा को फोकस करते हुए और उसके बाद चीजे इंप्रूव भी हुई ,यहां पर आप देख सकते हो 2014 के बाद 2016 में यह डायरेक्टली 900 पर पहुंच गया। फिर 2019 पर यह पीक पर पहुंच गया 923 ,लेकिन उसके बाद से लगातार आपको यहां पर डिक्लाइन ही देखने को मिलेगा और सबसे बड़ा डिक्लाइन इसी साल आया 2024 में 910 पर यह पहुंच गया। तो कहीं ना कहीं एक ऐसे राज्य के लिए जो कि sports में काफी अच्छा कर रहा है ,जो लड़कियां है ,जो महिलाएं हैं वह काफी बेहतर परफॉर्म कर रही है ,इंटरनेशनल प्लेटफार्म पर भी ,एकेडमिक में भी अच्छा कर रहे है।

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आखिरकार इसके पीछे का कारण क्या है?

यहां पर जो 2014 से 2019 के बीच में इंप्रूवमेंट हुआ था ,उसके पीछे का एक बड़ा कारण बताया जा रहा है – कि कानून का एनफोर्समेंट अच्छे से किया गया था। आप देख सकते हो यहां पर एक कानून है PNDT (PreConception and PreNatal Diagnostic Techniques Act ) 1994 का ,तो सरकार ने इसको काफी अच्छे तरीके से इंप्लीमेंट किया। अब ये कानून क्या कहता है? – कि आप बच्चा पैदा होने से पहले लिंग निर्धारण (sex determine ) नहीं कर सकते। क्योंकि हमारे देश में एक बड़ी प्रॉब्लम थी – कि यहाँ पर अगर लड़की हो रही है पता चल जाता है ,उसको पहले ही मार देते थे। तो यहां पर sex determination जो है पूरी तरह से गैरकानूनी(illegal) हो और उसको अच्छे प्रकार से से लागू(enforced) किया गया था और साथ ही साथ सरकार ने यहां पर जो सोसाइटी के अंदर जो एटीट्यूड है फैमिलीज का बॉयज के प्रति ,गर्ल चाइल्ड के प्रति ,की गर्ल चाइल्ड को बर्डन के तौर पर देखा जाता है , तो उसको भी कही ना कहीं बदलने की कोशिश की ,लेकिन यहां पर अब एक्टिविस्ट का यह कहना है – कि जो एटीट्यूड है उसमें बदलाव लाने की जरूरत है और पिछले कुछ वर्षों में ,पिछले तीन-चार वर्षो में ,वापस से ऐसा लगता है कि सरकार कानून को अच्छी तरीके से इंप्लीमेंट नहीं कर रही है। यहां पर एक्सपर्ट्स यह भी मान रहे हैं – कि जो सेक्स सिलेक्टिव अबॉर्शन होते हैं , यह सारी जो चीजे हो रही है ,वह काफी एक्सपेंसिव हो गई है।

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तो ज्यादातर केस में क्या होता है जो रिच और इनफ्लुएंशल पर्सन है ,जो यहां पर उनको आसानी से एक्सेस मिल जाता है , गलत तरीके से पहले ही sex determine करवा लेते हैं। वह यहां पर इस तरह की चीजे करने की कोशिश कर रहे है , स्पेशली जो हरियाणा की बॉर्डर एरियाज है ,वहां पर और प्रॉब्लम हो गया जैसे कि – उत्तर प्रदेश हो गया , राजस्थान हो गया , पंजाब हो गया ,दिल्ली हो गया ,तो यहां पर क्या करते हैं ये जो हरियाणा में लोग है कई बार दूसरे राज्य में जाकर sex determine कर लेते हैं और यह जो PNDT Act है ,उसके अकॉर्डिंग जो 1200 FIR दर्ज किए गए थे ,उसमें इंटर स्टेट जो रेड किया गया मतलब हरियाणा की पुलिस दूसरे राज्य में जाकर रेड की ,उसमें से वन थर्ड FIR अकेले उसी से रिलेटेड आपको देखने को मिलेगा। तो कहीं ना कहीं प्रॉब्लम आपको आसपास के राज्यों में भी देखने को मिल रही है और साथ ही साथ यहां पर यह भी बताया जा रहा है ,एक्सपर्ट्स का यह कहना है – कि हरियाणा के अंदर एक और नया समस्या खड़ा हो गया ,वह यह है कि कई सारे फैमिलीज सिर्फ एक लड़का चाहिए ,उसके लिए आगे बढ़ रहे है , मतलब यह जो कांसेप्ट है ना “only one boy “, तो यह बहुत ही पॉपुलर फिनोफेना हरियाणा के अंदर बनता जा रहा है और स्पेशली क्या है कि कुछ फैमिलीज इसलिए अडॉप्ट कर रहे है क्योंकि एक तो प्रॉब्लम क्या है कि – यहां पर इन्फ्लेंशन बढ़ रहा है ,इकोनॉमी में इश्यूज है ,लोगों की जो लैंड होल्डिंग्स है वह कम होती जा रही है ,तो लोगों को यह डर लग रहा है कि अगर दो तीन चार बच्चे भी हो गए , तो यहां पर वह उसका कैसे पालन कर पाएंगे। तो इसकी वजह से भी यहां पर वह चाहते हैं कि एक लड़की अगर होती है मान लो तो वापस एक लड़का करना होगा ,तो इसलिए क्यों ना सिर्फ एक ही लड़का रखा जाए। तो ये एक समस्या होती जा रही है कुछ एक्टिविस्ट का कहना है। फिर इसके अलावा आप देख सकते हो यहां पर जो महिलाएं हैं ,जो कई एक्सपर्ट से जो उसके प्रति काम करते हैं ,उनका कहना है कि अल्टीमेटली हमें जो एटीट्यूड है लोगों का ,उसकी तरफ फोकस करना होगा। स्पेशली क्या हो रहा है आज के डेट में ,बहुत लोग जो शादियां हैं उसमें बहुत सारा पैसा खर्च कर रहे हैं ,इसकी वजह से जो लड़की के परिवार वाले हैं कई बार उनके ऊपर प्रेशर पड़ता है ,Dowry System का जो प्रेशर है वह काफी ज्यादा आता है। तो वह हमें उसके ऊपर फोकस करना है – कि उसको हम कैसे रिड्यूस कर सकते हैं , तो यह सब कुछ समस्या है।

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सरकार का क्या कहना है?

सरकार का ऐसा मानना है – कि देखिए इसमें कोई बहुत बड़ा ऐसा चेंज नहीं आया है ,यह “slight fluctuation” है। यहां पर जो चीफ मिनिस्टर है नयाब सिंह सैनी उनका कहना है – कि जो राज्य का स्टेट जेंडर रेशों है ,वह इंप्रूव हुआ है 2014 से। तो हरियाणा एक प्रकार से आज के डेट में बेटियों को सशक्त(empowers) करने के तौर पर जाना जाता है ,ना की दबा(suppresses) करने के तौर पर ,ऐसा हरियाणा CM का कहना है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया कि 1200 जो FIR दर्ज किए गए थे ,उसमें से 4000 लगभग लोगों को अरेस्ट किया गया। इन 1200 फिर के माध्यम से जिसमें डॉक्टर्स है , ठग हैं ,लिंग निदान (sex determine) करा के जो इस तरह के गलत गलत काम करते रहते हैं , गर्भपात(abortion) करवाते रहते हैं। यहाँ पर सरकार कह रही है – की हम दिन रात लगातार इसी के पीछे काम कर रहे हैं ,कि कैसे और चीजों को इंप्रूव किया जा सकता है ,जैसे कि यहां पर स्पेशली अगर गर्ल चाइल्ड होती है तो वन टाइम हम ₹21000 यहां पर बर्थ पर देते हैं। साथ ही साथ अकाउंट खुलवाते हैं बैंक में सुकन्या समृद्धि योजना के तहत ,ताकि गर्ल चाइल्ड को ज्यादा उसमें इंटरेस्ट मिलता रहे। फिर इसके अलावा यहां पर हरियाणा सरकार यह भी कह रही है – कि जो droput rates है स्कूल में secondary education enrolment में ,उसमें भी काफी हद तक कमी आई है। तो यह लॉन्ग टर्म प्रक्रिया है जिसको करने में थोड़ा सा टाइम और लगेगा ,लेकिन सरकार इसके पीछे काफी ज्यादा काम कर रही है ,ऐसा हरियाणा सरकार का कहना है। जो भी है कहीं ना कहीं ये जो फिगर काफी चौंकाने वाला था क्योंकि ओबवियसली बात है हरियाणा अच्छा कर रहा था इसके पीछे ,स्पेशली “बेटी बचाओ बेटी पढ़ावो ” के आने के बाद लेकिन अगेन वही हो जाता है – कि हमें रुकना नहीं है ,यहां पर सरकार जो है वह अगर कानून को पहले इंप्लीमेंट कर रही थी सही से ,अगेन उसके पीछे लगना पड़ेगा ,तभी निरंतर प्रयास से लॉन्ग टर्म में हमें यह बेनिफिट देखने को मिल सकता है।

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