Breaking
December 26, 2024

अडानी के बाद अमेरिका का टारगेट इंडियन रेलवे और डिफेंस सेक्टर। जानिए क्या है ये अमेरिका की सोची-समझी चाल?

हाल ही में अमेरिका ने कुछ ऐसा पता लगा लिया है जो हमारी सीबीआई भी पता नहीं लगा पाई है। हाल ही में अमेरिका ने कुछ ऐसी जांच कर ली है जिसे भारत में आए बिना कंप्लीट कर लिया गया है। आपको याद होगा कुछ समय पहले अडानी के बारे में अमेरिका ने कहा था कि अडानी ने भारत में प्रोजेक्ट पाने के लिए भारत की सरकारों के कुछ मंत्रियों को ,कुछ ऑफिशल्स को ,रिश्वत दी है। अमेरिका का आरोप था जिससे अदानी धराशाई हो गया था ,इतना ही नहीं अडानी के खिलाफ अरेस्ट वारंट तक की बात चलने लगी थी। जानकारी निकली थी कि अडानी की जो कंपनी है सोलर एनर्जी के कॉन्ट्रैक्ट प्राप्त करने के लिए 250 मिलियन डॉलर यानी ₹2110 करोड रुपए के आसपास अदानी ने भारत के अंदर कुछ राज्यों की सरकारों को रिश्वत देकर के वहां का काम पाया। अब अडानी के इस रिश्वत कांड के बाद भारत में खूब हलचल मची थी ,अडानी के स्टॉक पर जो नुकसान होना था हुआ ,लेकिन फाइनली अदानी अब वापस अपनी जगह आकर खड़ा हो गया है ,ऑलमोस्ट अब मामला सेटल हो गया है। इसी बीच में फिर अमेरिका बाहर आता है ,अमेरिका इस बार बाहर आता है और पिछली बार अडानी के केस में जो भारत में बैकलेस हुआ था उसको सेटल कर लिया है। आपको याद होगा कि जब अडानी के ऊपर अमेरिका ने एक्शन की बात कही थी तो हमारे जैसे कई लोगों ने इस विषय पर काफी ज्यादा रोष व्यक्त किया था। कि – तुम एक बात बताओ हमारे देश के किसी आदमी पर तुम वहां बैठकर पंचायती कर रहे हो ,तुम्हारी पंचायती खुद पर तो चलती नहीं ,हम पर करते हो।

ये भी पढ़िए>>> भारत का नौसैनिक परमाणु शक्ति K-4 बैलिस्टिक मिसाइल की परीक्षण सफल

अगर आपने अमेरिका को नफ़रत : अडानी से या भारत की तरक्की से ये पढ़ा हो तो उसमें हमने एक बात बहुत ज्यादा बताई थी और वह यह थी कि अमेरिका में LOBING नाम से एक कार्रवाई होती है। वहां की बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने पक्ष में फैसला दिलाने के लिए मिलियंस आफ डॉलर खर्च करती हैं SO THAT उन्हें टेंडर मिल जाए। बताया था कि जिस चीज के लिए अदानी को दोषी थाहराया जा रहा है कि इसइ रिश्वत दी है ,टेक्निकली अब अमेरिका क्यों नहीं खुद की किस देश की कंपनियों पर कुछ ऐसा कर लेता है। हाल ही में सुर्खी भी कुछ ऐसी ही बन गई है ,अमेरिका को लगा कि यह बात उन्होंने सीरियसली ले ली ,हाल ही में अमेरिका ने अपने ही देश की तीन कंपनियों के ऊपर 300 % पेनल्टी लगाइ है और उन पर आरोप जानकर आप हैरान हो जाएंगे ,उनकी तीन कंपनियों पर पेनल्टी इस बात की लगी है कि उन्होंने भारत में इंडियन रेलवे ,हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ,इनके साथ में रिश्वत-रिश्वत खेला था ,भारत की कंपनियों को साथ उनकी कोनसी कंपनिया है ?  उनके नाम हम बताएँगे ,उसमें से ORACLE नाम की काफी फेमस कंपनी भी शामिल है। इन्होने भारत में टेंडर प्राप्त करने के लिए रिश्वत दी थी और उस रिश्वत को पता करने के कारण हम अपनी कंपनियों पर 300% पेनल्टी लगा रहे हैं।

यही आज की बड़ी सुर्खी है ,मतलब हमने अब तक अडानी के बारे में अमेरिका में चर्चाएं सुनी थी ,अब अमेरिका ने भारत के अंदर दो बड़ी कंपनी ,दो बड़े सेक्टर ,हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी कि डिफेंस की बड़ी कंपनी और रेलवे। इन दोनों में रिश्वत दी गई अमेरिकी कंपनियों के द्वारा अब यह नया बात पर बहस छेड़ दिया है। जिन्होंने स्टॉक में इंटरेस्ट ले रखे हैं उन्हें यह बहुत अच्छे से मालूम है कि भारत में इन दीनों रेलवे के और डिफेंस के स्टॉक बहुत अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं ,बीच में थोड़ा सा डिफेंस के स्टॉक कुछ महीने पहले हिले थे लेकिन आप वह फिर से बहुत बेहतर कर रहे हैं। रेलवे के स्टॉक इस समय लगभग 10 %,12% के रिटर्न के साथ चल रहे हैं ,9% की तो रैली चल रही है। ऐसे में यह न्यूज़ आना ,तो क्या यह इस तरफ इशारा कर रहा है ? कि पहले अडानी के ऊपर टारगेट था ,आरोप लगाकर छोड़ दिया लेकिन अब अपनी कंपनियों को यह कहते हुए पनिशमेंट करना कि तुम इंडिया में रिश्वत देती हो ,मतलब अमेरिका को यह जो सीबीआई बनना है यह बहुत पसंद आ रहा है।

ये भी पढ़िए>>> ILLEGAL INDIAN IMMIGRANTS के साथ क्या करेगा अमेरिका?

डिटेल में बात करते हैं ,हैडलाइन निकल कर आती है “THE PIONEER “नाम के अखबार में ,जहां पर खबर बनती है कि अमेरिका ने 300% पेनल्टी लगाई है उन कंपनियों पर जिन्होंने भारत के अंदर HAL ,RAILWAYS और IOC (इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन) इन्हें रिश्वत दी थी , इस आधार पर यह हैडलाइन बनी इसी को ध्यान में रखते हुए बहुत से न्यूज़पेपर में यह न्यूज़ दी। THE PIONEER नाम का एक इंग्लिश न्यूज़ पेपर है इंडिया से प्रकाशित होता है ,उसने यह बात लिखी थी। अब हम इस पर विस्तार से पढ़ते हैं।

ये भी पढ़िए>>> Case study of Vivek Oberoi: सिर्फ एक्टर या सक्सेसफुल बिज़नेसमैन और इन्वेस्टर!

अमेरिका की कंपनियां जिनमें से एक का नाम है MOOG INC ,दूसरे का नाम है ORACLE और तीसरे का नाम है ALBEMARLE CORPORATION इन तीनों ने मिलकर के भारत में प्रोजेक्ट प्राप्त करने के लिए ,भारत में HAL ,इंडियन रेलवे और IOC को समय-समय पर कुछ-कुछ रिश्वत दे थी और वह रिश्वत इनको प्रोजेक्ट दिलाने में काम भी आई थी। इनके द्वारा भारत में प्रोजेक्ट प्राप्त करने के लिए जो रिश्वत दी गई थी वह कुछ ऑफिशीयल्स को दी गई थी ,यह बात अमेरिका के अंदर जो सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन जिससे SEC कहते हैं। जैसे अपने यहां पर SEBI का काम है वैसे अमेरिका की SEC है ,उसने यह पाया है कि इन्होंने भारत में काम प्राप्त करने के लिए रिश्वत दी थी। अमेरिका की कंपनियां भारत में काम प्राप्त कर रही थी डिफेंस सेक्टर में और रेलवे के सेक्टर में ,डिफेंस और रेलवे सेक्टर के अंदर MOOG को काम चाहिए था ,MOOG क्या है ? यह अमेरिका की बड़ी कंपनी है ,1951 में स्थापित हुई थी ,डिफेंस के सेक्टर में काम करती है ,स्पेस में काम करती है ,कमर्शियल एयरक्राफ्ट के लिए काम करती है ,इसने भारत में HAL से प्रोजेक्ट प्राप्त करने के लिए और रेलवे से प्रोजेक्ट प्राप्त करने के लिए कुछ रिश्वत का अमाउंट पे किया था। जिस रेलवे के प्रोजेक्ट की बात हो रही है ,उसकी डिटेलिंग https://rdso.indianrailways.gov.in/ यहां पर RDSO के नाम से लिखी हुई है। RDSO रेलवे का रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन है जो लखनऊ से ऑपरेट होता है। तो इनको अपने डिजाइंस पास करवाने के लिए यहां के कुछ ऑफिशीयल्स को रिश्वत देनी पड़ी थी ,जो रिश्वत का अमाउंट था ,जो पे किया गया है वह पे करने के लिए MOOG ने इंडिया में अपनी एक और छोटी कंपनी बनाई जिसका नाम रखा MMCPL। उस MMCPL के माध्यम से कुल प्रोजेक्ट का लगभग 10 % इन्होंने रेलवे के अधिकारीयों को रिश्वत के रूप में पे किया था। ऐसे ही ALBEMARLE CORPORATION पर आरोप है यह एक केमिकल कंपनी है ,कि इन्होंने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन IOC के अधिकारियों को साथ ही साथ में इंडोनेशिया (INDONESIA) और वियतनाम (VIETNAM) के अंदर काम करने वाली कुछ कंपनियों को लगभग 63. 5 मिलियन डॉलर का रिश्वत दिया था। ALBEMARLE पर आरोप है कि इसने भी इंडिया के अंदर लगभग 1. 14 मिलियन का कमीशन पे किया ताकि इसको प्रोजेक्ट आसानी से मिल सके।

ये भी पढ़िए>>> DELHI POLLUTION ABOVE DANGER ZONE:क्या कुछ सिख सकती है दिल्ली बीजिंग से?

इसी के साथ-साथ ORACLE नाम की जो कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कंपनी है ,इसने इंडियन रेलवे से कॉन्ट्रैक्ट प्राप्त करने के लिए साथ ही साथ UAE और TURKEY के अंदर कॉन्ट्रैक्ट प्राप्त करने के लिए इसने भी अपने द्वारा 6. 8 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी थी।
इस प्रकार से तीनों कंपनियों ने काम प्राप्त करने के लिए रिश्वत दी थी और इस रिश्वत का जब अमेरिका की SEC को पता चला तो उसने

  • MOOG पर तीन गुना पनिशमेंट लगाया , जहां इन्होंने रिश्वत दी थी उसके ऊपर 1. 68 मिलियन डॉलर का फाइन लगाया गया।
  • वैसे ही ORACLE के ऊपर जो उसने रिश्वत 6. 8 मिलियन डॉलर की दी थी उस पर 23 मिलियन डॉलर का फाइन लगाया गया।
  • ALBEMARLE पर जिसने की 63. 5 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी थी उस पर 198 मिलियन डॉलर का फाइन लगाया गया।

ये भी पढ़िए>>> Gukesh Wins 2024 FIDE World Championship:लेकिन क्यों जाँच की डिमांड उठ रही है?

यह जो फाइन लगाया गया की न्यूज़ है यह आज की न्यूज़ है। अब एक बड़ा सवाल आपके सामने आता है , कि अमेरिका अपनी कंपनियों पर फाइन लगाता है तीन कंपनियों को ढूंढ कर ,उनमें से दो कंपनियों का सीधा-सीधा संबंध भारत के रेलवे और डिफेंस सेक्टर से है। अगर इस बात को सीधा सुना जाए कि अमेरिका ने इतना फाइन लगाया ,यह फाइन लगा है ,फाइन के बाद में वह कोर्ट में जाएंगे ,कोर्ट में जाएंगे वह बताएंगे कि हमने नहीं दिया था ,या फिर जो भी बात है कि उन्होंने दिया भी था तो इतना फाइन उचित नहीं है जो भी है। लेकिन उसकी यह जो न्यूज़ है यह भारत के अंदर एक बड़ी न्यूज़ बन जाएगी। यह भारत में बनी हुई बड़ी न्यूज़ कहीं ना कहीं आपका डिफेंस सेक्टर में और रेलवे सेक्टर में विश्वास कम करेगी। आपके मन में जो फिलहाल स्टॉक में जैसे डिफेंस के अंदर आए दिन आप खबर सुनते हैं कि HAL अब सुखोई 30 बना रहा है ,तेजस बना रहा है ,26000 करोड़ के उसकी केवल इंजन बनाने के कांटेक्ट मिले हैं ,रेलवे जनरल कोचेस के लिए बहुत ट्रेनों में बड़ी संख्या में रेलवे जनरल कोचेस लगा रहा है ,नए कॉरिडोर्स बना रहे हैं ,जितना विकास हो रहा है आपका सीधा दिमाग जाएगा कि कहीं ना कहीं दाल में कुछ काला है और अगर ऐसा होगा तो निश्चित ही आप स्टॉक में कम इंटरेस्ट लेने लगेंगे। अब एक बात निकल कर आती है ,अमेरिका ने इतना सब कर दिया ,क्या हमें यह नहीं पता चला था – कि ऐसा कुछ हो रहा है।

ये भी पढ़िए>>> FDI in India Crosses $1 Trillion: भारत पर दुनिया का तेजी से बढ़ रहा है भरोसा

ये भी पढ़िए>>> बिटकॉइन $1 लाख के पार : क्यों आसमान छू रही है बिटकॉइन की किंमत?

देखो 2022 में अमेरिका के इस ORACLE पर आरोप लगा था कि यह इसने भारत के कुछ अधिकारियों को रिश्वत दी है , इस बात पर जब चर्चा होना शुरू हुई तो भारत सरकार ने भी इसकी जांच बिठाना शुरू कर दी। आपको जानकर यह नॉलेज मिल जाए तो बेहतर रहेगा कि  इंडियन रेलवे कंपनी ने बाकायदा ORACLE को – कि उसने कुछ भारत के अधिकारियों को रिश्वत दी है इस आधार पर ब्लैक लिस्ट करने तक का प्लान कर लिया था। इस साल की शुरुआत में ही जनवरी 2024 में ही रेलवे मिनिस्ट्री ने ORACLE के करप्शन केस को CBI को भी ट्रांसफर कर दिया है , कि अगर ऑफिशल्स को पैसा दिया गया है। भारत में रिश्वत एक NEW NORMAL बन चुका है ,अगर कोई व्यक्ति इस बात को सुनकर यह कहता है कि भारत में रिश्वत नहीं दी जाती यह शायद वह बहुत ही आदर्शवादी जिंदगी जी रहा है ,या फिर हो सकता है कि उसने यह बिलीव कर लिया है कि जो बोला जा रहा है वह सत्य है। क्योंकि कहीं ना कहीं हमारे राजनेता भ्रष्टाचार मिटाने की जो लंबी चौड़ी बातें करते हैं ,मुझे नहीं लगता कि दुनिया में किसी भी व्यक्ति को इस बात का एक परसेंट भी एहसास ना हो कि भारत के लगभग हर डिपार्टमेंट में अपने-अपने लेवल की कुछ ना कुछ करप्शन फिक्स है। रेलवे के अंदर टिकट लेने से लेकर के ,टीटी से सीट कंफर्म करने से लेकर के ,दारु की बोतल का अपर प्राइस पर लेने से लेकर ,रात 8: 00 के बाद ठेका खुलने से लेकर ,टोल पर टोल माफी से लेकर ,रोड के अंदर मिलावट से लेकर के हर जगह किसी न किसी लेवल का करप्शन इंवॉल्व है। लेकिन इन सब करप्शन के बावजूद देश लगातार 75 साल से धीरे-धीरे प्रोग्रेसिव स्टेट से सने-सने आगे बढ़ता जा रहा है। हम लोगों को भ्रष्टाचार की इतनी ज्यादा आदत हो चुकी है कि यह छोटा-मोटा जिसको हम कहते हैं आटे में नमक के बराबर तो चलता होगा ,तभी तो अगर बेटा दरोगा बने चाहे वह द्वितीय श्रेणी ही कर्मचारी बने लेकिन तो उसे बधाई दी जाती है ,”बेटा तुम दरोगा बने हो तो तुम्हारे पास नंबर दो का पैसा बढ़िया आएगा ” वही वह अगर प्रथम श्रेणी शिक्षक बन जाए तो शायद उसे इतनी बधाई ना मिले ,भले ही उसकी तनख्वाह ज्यादा हो ,”अरे नहीं दरोगा की बात ही अच्छी है क्योंकि उसको भ्रष्टाचार का पैसा मिलेगा “। तो हमारे देश में भ्रष्टाचार है की NEW NORMAL हो चुका है लोग उसको उतना तक तो डाइजेस्ट करने लगे हैं जब तक वह हैडलाइन ना बने ,जिस दिन CBI भी छापा मारे और हैडलाइन में दिखाएं की देखो इतना पैसा पकड़ा तब तक तो वह बहुत ही समाज का सन्माननीय आदमी है। ऐसे ही रेलवे को ORACLE ने पैसा दिया ,हमारे लिए तो ऐसी ही था की हाँ दिया होगा , रेलवे इतना काम कर रहा है। लेकिन जब CBI या इस पर जाँच बैठी तो बड़ा ही मुकदमा रहा होगा उस टाइप की कुछ हरकत है। अमेरिका का यह सब करना और ऐसे समय पर करना जिस समय भारत के अंदर लोकसभा का सत्र चल रहा हो , विंटर सत्र चल रहा हो ,मार्केट के अंदर इस समय एक नोशन बैठ चुका है स्टॉक मार्केट में – की डिफेंस और रेलवे के स्टॉक भारत में बढ़िया कर रहे हैं उस समय इस खबर का इस तरह प्रकाशित हो जाना और लोगों के द्वारा इसका उठाया जाना किसी न किसी तरह स्टॉक मार्केट को प्रभावित करने की घटना भी लगती है।

ये भी पढ़िए>>> दुनिया को न्याय की दुहाई देनेवाली अमेरिका में न्याय का मजाक : प्रेसिडेंट बिडेन ने की अपने बेटे की सजा माफ़

जिस तरह से SCAM करके जो वेब सीरीज थी उसमें बताया गया था कि अगर किसी के स्टॉक गिराने है तो उसकी इमेज गिरा दो ,जैसा अडानी के साथ हुआ था। अडानी के ऊपर केवल आरोप लगा दो कि इसने रिश्वत दी थी आरोप का सत्यापन होता रहेगा ,लेकिन उसके बाद में अदानी को जो नुकसान हुआ ,उसका नुकसान इतना बड़ा नहीं था जितना उसके स्टॉक में जिन्होंने निवेश कर रखा था उनका नुकसान हुआ। कुल मिलाकर अदानी तो रिकवर कर गए ,लेकिन जिन लोगों के पैसे बर्बाद हो गए वो वैसे ही बेचारे रखे रखे घर पर गरीब हो गए। आज भारत के अंदर जहाँ डिफेन्स और रेलवे बढ़िया कर रहा है। बढ़िया मतलब भारत के अंदर रेलवे स्टॉक्स के अंदर इस समय पर हमारे यहां पर 9% का जो रेलवे का स्टॉक है ,उसके अंदर रैली चल रही है ,दिसंबर 11 की खबर आप देख रहे हैं। क्योंकि भारत के अंदर रेलवे को बहुत सारे टेंडर्स मिले है।

ये भी पढ़िए>>> SIP Vs PPF Vs ELSS: ₹1.5 लाख निवेश पर कौन बनाएगा पहले करोड़पति? जानें 15-30 साल की पूरी कैलकुलेशन

देखें पिछले 1 महीने का तो रेलवे की जितनी भी कंपनियां लिस्टेड है उन सबके अंदर गजब लेवल का रेटर्न आ रहा है ,कैबिनेट ने हाल ही में 3 नई रेल प्रोजेक्ट अप्रूव किए हैं जो 7927 करोड के है। लोकसभा ने रेलवे अमेंडमेंट बिल पास किया है जिसका फायदा हमको रेलवे के अंदर देखने को मिला है। हिंदुस्तान अरोनोट की बात करे तो हमने बताया था कि HAL को सुखोई 30 और K9 हॉबिट्जर के लिए LT को 20000 करोड़ का हाल ही में इन्वेस्टमेंट दिया गया तो डिफेंस सेक्टर में काम करने वाली कंपनी को भी बहुत ज्यादा लाभ मिलने की आशंका है।

ये भी पढ़िए>>> IPO: कैसे ख़रीदे आईपीओ?

हाल ही में कैबिनेट कमिटी सिक्योरिटी की ये न्यूज़ हमने कवर की थी साथ ही साथ थोड़े दिनों पहले डिफेंस मिनिस्टर के द्वारा 26000 करोड़ का HAL को टारगेट दिया गया था कि वह सुखोई 30 के इंजन बनाएं ,कुल मिलाकर भारत के डिफेंस सेक्टर में सरकार के फैसले और रेलवे सेक्टर में सरकार के फैसलों से कंपनियों को बड़ी राहत मिली हुई है। उसमें निवेश करने वाले लोग बढ़िया निवेश करके रिटर्न की तरफ बढ़ रहे हैं ,ऐसे में इस न्यूज़ का उस समय आना कहीं यह स्टॉक को प्रभावित करने के लिए तो नहीं ? एक बड़ा सवाल बनता है। अमेरिका इस बार अपनी कंपनियों को पनिशमेंट दे करके खुद के ऊपर लोकतंत्र को बर्बाद करने का जो टैग लगा हुआ है उससे तो धुलाई पाई रहा है।

ये भी पढ़िए>>> Gold investment in India: भारत में सोने में निवेश कैसे करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *