Site icon NEWS CORNERS

विस्तार से जानिए BANKING LAWS AMENDMENT BILL के मायने!

आज बैंकिंग के शेयर में सकारात्मक रैली देखी गई है ,पॉजिटिव रूप से शेयर के भाव बैंकों के अंदर प्लस यानी कि शेयर्स के भाव बढ़ते हुए देखे गए हैं। बैंक के स्टॉक आज भी बढ़ते हुए  दिखाई दिए ,ऐसा क्या हुआ ?आज बैंकिंग से जुड़ा हुआ एक बिल लोकसभा से पास हुआ है । इस बिल में क्या था ?ऐसी क्या जानकारी थी ,जिसकी वजह से बैंक बड़े पॉजिटिव फील कर रहे हैं। बैंक निफ्टी में सकारात्मकता देखी गई है ,बहुत सारे पब्लिक सेक्टर बैंक के शेयर्स में पॉजिटिव ग्रोथ देखी गई है ,वैल्यू बढ़ी हुई देखी गई है। तो आईए देखते हैं ,आपको याद हो तो लोकसभा का अभी विंटर सेशन चल रहा है और उस विंटर सेशन के अंदर 16 बिल आने हैं। उनमें से एक बिल बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल (BANKING LAWS AMENDMENT BILL) है ,तो हमारे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी के द्वारा बैंकिंग अमेंडमेंट बिल लाया गया है। लेकिन क्या यह किसी एक बिल के अंदर संशोधन है या एक से अधिक ?तो एक से अधिक बिलों में संशोधन का यह बिल लाया गया है। लोकसभा से पास होने के बाद अभी राज्यसभा जाएगा और वहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति से साइन होने के बाद में यह एक कानून बन जाएगा। ऐसा क्या हुआ है ?क्या कुछ नई चीज आई है ?या पुरानियों में कुछ संशोधन है ? – तो असल में यह संशोधन बिल है मतलब पहले से कोई कानून था उसमें कोई परिवर्तन करके एक संशोधन लाया गया है।तो लोकसभा में मंगलवार के दिन बैंकिंग अमेंडमेंट बिल 2024 पास हो गया। इस अमेंडमेंट बिल के तहत कई प्रमुख बिल ,जैसे भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 ,बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 ,भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम 1955 और अन्य कई कानून में संशोधन यानी काफी सारे कानूनो में एक साथ संशोधन फाइनेंस मिनिस्टर के द्वारा करवाया गया है। इनमें कुल मिलाकर 19 संशोधन हुए हैं यानी कि इन बिलों में कुछ ना कुछ जो चीज थी उनमें संशोधन हुआ है और यह शीतकालीन सत्र के अंदर लाया गया है। वास्तविकता में जब बजट सत्र था उस बजट सत्र के आखिरी दिन यह लोकसभा में लाया गया था लेकिन उस समय पास नहीं हुआ था ,तो उस समय का लाया हुआ बिल अब पास हो गया है लोकसभा के अंदर।

ये भी पढ़िए>>> जानिए आरबीआई एमपीसी बैठक के फैसलों की जानकारी के साथ साथ कुछ बेसिक फाइनेंसियल कंसेप्ट जो आपको जरूर पता होने चाहिए …

ये भी पढ़िए>>> 10+ daily habits जो हमारे जीवन को बर्बाद कर देती हैं

ये भी पढ़िए>>> दुनिया को न्याय की दुहाई देनेवाली अमेरिका में न्याय का मजाक : प्रेसिडेंट बिडेन ने की अपने बेटे की सजा माफ़

तो यह अगस्त 10 की कटिंग देख रहे हैं जब इंट्रोड्यूस किया गया था और अब यह पास हो गया है। तो आप यहां पर लोकसभा की वेबसाइट देखें तो बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल इंट्रोड्यूस हुआ था अगस्त 9 ,2024 में और अब पास हो चुका है दिसंबर 3 ,2024 में। यहां पर  एक बेसिक क्वेश्चन भी क्लियर हो जाता है। वह यह है ,एक सत्र में लाया हुआ बिल इस तरह से आगे की तरफ दिखाई दे सकता है। । इस विधेयक में एक बैंक अकाउंट में 4 नॉमिनी जोड़ने का प्रावधान रखा गया है। अब आप कहेंगे यह इतनी बड़ी न्यूज़ है क्या ?4 नॉमिनी से क्या मतलब है ? – तो असल में 4 नॉमिनी का अर्थ यह है कि अगर आप बैंक के खाता धारक हैं और ईश्वर ना करें कि कुछ आपके साथ हो जाए यानि कि आप इस धरती पर ना रहे तो आपके उस बैंक में रखा पैसा किसका हो ,इसकी बात की व्यवस्था करने के लिए नॉमिनी की कॉन्सेप्ट लाई गई है। नॉमिनी ऑलरेडी हुआ करते थे ऐसा होता था कि अगर आप हैं तो आपको बैंक खाते के साथ-साथ ऐसा डिमैट अकाउंट में भी होता है ,ऐसा बैंक अकाउंट में भी होता है ,आप लोग जब डिमैट अकाउंट खोलते हैं तो उसमें भी आपसे एन्ड में पूछा जाता है ,कि नॉमिनी कौन ?आपने शेयर खरीदे ,कल आपको कुछ हो जाए तो यह जितना पैसा अपने इन्वेस्ट किया यह किसे मिलेगा ,तो वह नॉमिनी है। ऐसे में एक से अधिक नॉमिनी की चर्चा हुई ,जनरली ऐसा देखा गया था जब लोग एक नॉमिनी रखते थे तो हस्बैंड ने वाइफ को नॉमिनी रखा हुआ है ,फादर ने बच्चों को नॉमिनी रखा हुआ है ,लेकिन कोरोना काल में ऐसा देखने को मिला की बहुत सारे लोग परिवार के एक्सपायर कर गए। एक साथ कपल एक्सपायर कर गए ,या फिर नॉमिनी को लेकर के कनफ्लिक्ट होना शुरू हो गया। इस वजह से बैंक अकाउंट में नॉमिनी वाले कॉन्सेप्ट में परिवर्तन की आवश्यकता फील हुई। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आज हमारे बैंकों में लगभग 78000 करोड़ रूपया ऐसा रखा है जिसे लेने वाला कोई नहीं है ,आप कहेंगे इतना पैसा रखा है उसका क्या होगा सरकार डिसाइड करेगी कि उसका उपयोग कैसे होना है। लेकिन अनक्लेमड पड़ा है क्योंकि मालिक तो मर गया ,नॉमिनी भी मर गया ,या नॉमिनी को नहीं पता है कि मैं नॉमिनी हूं ,अकाउंट का तो वह क्लेम करने नहीं गया। तो क्लेम करने नहीं गया तो वह पैसा बैंक में ही डाला हुआ है ,यही शेयर में भी होता है आप में से बहुत सारे लोग बहुत ही कम उम्र में शेयर में निवेश करने लगते हैं ,आपके निवेश के बारे में परिवार जनों को जानकारी नहीं होती ,आपको लगता है कि घरवाले क्या ही समझेंगे कि शेयर क्या होता है। ऐसे में अगर शेयर की जानकारी ना हो ,तो शेयर की जानकारी परिवार जनों को अवश्य देकर चले चाहे आपका एक ही शेयर हो। नहीं पता भविष्य में वह कितना रुपए का बन जाएगा। अगर आपका शेर इतना भारी बन गया कि वह आपकी बहुत सारी परेशानियों को दूर कर देगा। इसलिए कहा जाता है कि जमा कर्ताओं को ,यह बेहतर सुरक्षा देगा और फिर इससे बेटर सर्विसेज मिलना शुरू होगी बैंकिंग में। साथ ही साथ में जैसे आपने देखा होगा जो बिना दावे वाले शेयर हैं यानी कई बार ऐसा होता है कि कुछ लोग शेयर बहुत सारे रखते थे शेरधारक मर गया ,Bond  रखते थे Bond धारक मर गया ,डिविडेंड जो शेर का मिलता है लाभांश उसके बारे में कोई लेने वाला ही नहीं आया। तो इस तरह के पैसे को संरक्षण कोष में ट्रांसफर करने की सुविधा प्रदान करेगा। इसका मतलब अगर ऐसा कोई फंड शेयर के अंदर बचा रह जाता है तो उसके लिए बकायदा एक संरक्षण कोष बनाया गया है जहां उस फंड को ट्रांसफर कर दिया जाएगा ,ताकि निवेशकों के हित को सुरक्षित रखा जा सके। वह फंड आपके असली मालिक को और उसके जो नॉमिनीज है उनको तलाशेगा – की हां भाई आप तक यह पैसा आना है। इसके साथ-साथ आपको रिफंड क्लेम करने की सुविधा देगा। अब सबसे इंपोर्टेंट चीज आपके इस रिफंड को आप क्लेम कर सके इसका प्रोसीजर बताने के लिए एजुकेशनल वीडियोस डलवाएगा ,या लोगों में कैंपिंग चलवाएगा और यह बहुत बड़ी बात है। हम में से बहुत सारे लोग जो ट्रेडिंग कर रहे हैं जिन्होंने शेयर में या म्युचुअल फंड्स में स्टॉक लगाए हुए हैं ,अपने नॉमिनी को भी यह बात  बता कर चले कि आप हमारे इस खाते के नॉमिनी हैं ,आपके पैरेंट्स हो सकते हैं ,माताजी हो सकती हैं ,बच्चियों हो सकती हैं ,बेटा हो सकता है ,बहन हो सकती आप जिसको भी नॉमिनी बनाएं।

ये भी पढ़िए>>> AMERICA-CHINA TRADE WAR :चीन ने फिर से अमेरिका को दी वार्निंग!

ये भी पढ़िए>>> RBI CONFLICT या खुद TATA SONS अपना IPO नहीं लाना चाहता?

तो फिलहाल प्रावधान क्या किया गया है – कि एक से अधिक नॉमिनी का प्रावधान है और इस एक से अधिक नॉमिनी के प्रावधान में आपसे यह भी एक्सपेक्टेशन रखी गई है कि आप चाहे तो एक नॉमिनी के साथ में ,अगर यह नॉमिनी नहीं बचा तो इसके बाद दूसरे के पास ऑटोमेटिक पैसा ट्रांसफर हो जाएगा ,दूसरा नहीं बचा तीसरे के पास ,तीसरा नहीं बता चौथ के पास चला जाएगा। या आप यह सुविधा कर सकते हैं कि मेरे जाने के बाद यह पैसा इन चार लोगों में इतने इतने प्रतिशत में बटेगा। यह बिल फिलहाल बैंकिंग के अंदर लाया गया है। उसमें 19 संशोधन है लेकिन जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वह यह वाले की हो रही है। बैंकिंग के बारे में बात करते हुए जब मिनिस्टर ने यह वाली बात कही कि हमने 2014 के बाद से बैंकिंग में जो काम किया है कोई भी बैंक फेल नहीं हुई है। पिछले 10 साल में हर बैंक अच्छा कर रही है और हमारी बैंक की प्रॉफिटेबल काम कर रही हैं। एक दौर था जिस समय बैंकों की फैलियर थी क्योंकि 10 साल पहले की बात जब सरकारें करती है ,तो इसका अर्थ है जैसे YES BANK जैसी बैंक के डूबने की खबर आई थी तो ऐसे में सरकारें बोले हमारे पिछले 10 साल के कार्यकाल में कोई भी बैंक नहीं डूबी है। इतना ही नहीं बैंकों ने अपनी ब्रांचेस बहुत एक्सपेंड की है , जहां एक और 85116 बैंक जो है वह पब्लिक सेक्टर ने ओपन की है कुल 165000 से अधिक ब्रांचेस हो चुकी है। इसमें बताया गया है कि:

ये भी पढ़िए>>> भारत का नौसैनिक परमाणु शक्ति K-4 बैलिस्टिक मिसाइल की परीक्षण सफल

संशोधन का उद्देश्य (Purpose of the Amendment):

• बैंकिंग गवर्नेंस में सुधार लाना।
• निवेशकों के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत बनाना।
• बैंकिंग क्षेत्र में कानूनी प्राविधानों को अद्यावत और सुसंगत बनाना।

यहां पर जानकारी देते हुए कहा तो एक तरह से इस बात को सुनकर जब खुद बैंक के लिए फाइनेंस मिनिस्टर यह बोल रही है – कि हमारी बैंक प्रॉफिटेबल चल रही है तो इससे निवेशक जिन्होंने बैंक के शेयर परचेज किए हुए हैं ,उनके अंदर एक उत्साह का भाव होता है ,सकारात्मकता होती है। ऑथेंटिकेट हो जाती है कि – यह हमारी बैंक के बारे में मिनिस्टर खुद बोल रही है कि बैंक अच्छी चल रही है और बैंकिंग सेक्टर ग्रो करने वाला है। बैंकिंग को और आसान करवाने के बारे में चर्चाएं चल रही हैं ,इस वजह से बैंक निफ़्टी जो है वह भी आज बहुत पॉजिटिव रहा। तो इस बिल का असर मार्केट पर देखने को मिला है।इस संशोधन बिल से बैंकिंग के अंदर मार्केट के जो शेयर प्राइसेज है वह बड़े हैं। साथ ही 68 % जो पीएम मुद्र योजना लोन है वह महिलाओं को दिया गया है , 44 परसेंट पीएम से स्वय नीधी लोन है वह किसी बिना कॉलेटरल के महिलाओं को दिया गया है यह जानकारी दी है। और सबसे इंपोर्टेंट बात जिसके बाद आज मार्केट में बहुत अच्छा शो किया बैंक के अंदर वह यह है – कि HIGHEST – EVER NET PROFIT बैंकिंग सेक्टर में बुक किया गया है ,लगभग 1.41 लाख करोड रुपए का। मतलब 2023 – 24 के अंदर जो बैंक है उन्होंने 1.41 लाख करोड रुपए मुनाफा कमाया है। बैंक मुनाफा कैसे कामाती है ?बैंक का मुनाफा है इसकी टोपी इसके सर। आपका पैसा जमा था उस पैसे को दूसरे को लोन देकर के इंटरेस्ट से पैसा कमाती है , शेयर से पैसा कमाती है ,अपने स्टॉक से पैसा कमाती है तो ऐसे इ शेयर की वजह से इनका भी मार्केट बड़ा है। इस साल 2024 – 25 का जो फाइनेंशियल ईयर है इसके आधे साल (H1 )में ही बैंकों ने 85520 करोड रुपए का मुनाफा अब तक कमा लिया है। यह ऐसी खबरें होती है जिनसे एक पॉजिटिव सेंटीमेंट क्रिएट होता है और मार्केट के अंदर लोग और निवेश करने निकल आते हैं और इसकी वजह से मार्केट में सकारात्मक चीजे देखने को मिली है।

ये भी पढ़िए>>> अमेरिका को नफ़रत : अडानी से या भारत की तरक्की से

IMAGE 1

ये भी पढ़िए>>> Adenovirus Infection in Children: अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए लक्षण एवं उपचार जानें

 

IMAGE 2

(IMAGE 1)यह खबर आप देख रहे हैं दिसंबर 2023 की है जब 42000 करोड़ जो अनक्लेमड था और (IMAGE 2 )यह देखें आप 78000 करोड़ ऐसा है अकॉर्डिंग टू आरबीआई के रिपोर्ट मई 30 ,2024 के रिपोर्ट है। जो अनक्लेमड डिपाजिट है बैंक के अंदर जिसका कोई धनी नहीं है और 7 साल से जिन शेयरो पर या किसी डिविडेंड इंटरेस्ट या मेच्योर बांड की रकम पर किसी ने क्लेम नहीं किया उसे अब IEPF में ट्रांसफर किया जा सकेगा। IEPF क्या है ? इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटक्शन फंड (INVESTER EDUCATION AND PROTECTION FUND) यानी इन्वेस्टर को शिक्षा देने वाला फंड की – इन्वेस्टर आपको पता हो कि आपका पैसा कहां रखा है ,इन्वेस्टर आपको पता हो कि आपने स्टॉक लिए हैं इसका डिविडेंड आपको मिलने वाला है ,आपने शेयर के साथ-साथ डिविडेंड  का भी ध्यान रखिये । डिविडेंड का मतलब जब कोई कंपनी मुनाफा कमाती है तो अपने शेयरधारकों से वह मुनाफा साझा करें।

ये भी पढ़िए>>> SIP Vs PPF Vs ELSS: ₹1.5 लाख निवेश पर कौन बनाएगा पहले करोड़पति? जानें 15-30 साल की पूरी कैलकुलेशन

ऐसे ही BOND क्या होते हैं ? लोग BOND को भी स्टॉक की तरह समझते  हैं लेकिन BOND में कंपनी का हिस्सा नहीं मिलता है। BOND एक तरह का उधारी है ,जो इंटरेस्ट पर आपसे ली गई है और STOCK में आप कंपनी के हिस्से का भागीदार बनते हैं। तो इन सब की क्लेम्स अगर नहीं किए हैं तो वह सारी चीजे आपको देने की बातें चल रही है। एक और यहां पर पॉइंट जोड़ा गया कि जो सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के डायरेक्टर्स हैं ,वह अब स्टेट कोऑपरेटिव बैंक के डायरेक्टर्स भी बन सकेंगे ,उनमें काम कर सकेंगे। साथ ही साथ सरकारी बैंकों को ऑडिटर की फीस तय करने और टॉप लेवल मैनेजमेंट को हायर करने का अधिकार मिलेगा। इसका मतलब यह था कि क्योंकि अब हर तरह की कोऑपरेटिव बैंक पर आरबीआई का कंट्रोल है तो जो सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक है उनके डायरेक्टर जब स्टेट कोऑपरेटिव बैंक पर आएंगे तो प्रबंधन अच्छा होगा ,तो ओवरऑल बैंकिंग अच्छी होने लगेगी। साथ ही साथ ऑडिटर भी अच्छे स्केल पर ले जा सकेंगे ,ताकि बैंकिंग में कोई कमी ना छूट पाए इसके साथ-साथ जो बैंक के डायरेक्टर्स हैं उनके हितों का ख्याल रखा गया है। मतलब उनकी जो फीस है ,उनकी जो बिल में इस सीमा को जो पर्याप्त हित के निदेशकों के पर्याप्त है तो 5 लाख तक पहले डिक्लेअर थे उन्हें बढ़कर 2 करोड रुपए करने का प्रावधान किया गया है। मतलब कंपनी के अंदर किसी के 10% स्टेट है तो इन्हें 5 लाख तक की लायबिलिटी है यानि इसको 2 करोड़ तक बड़ा करके किया जाए। आरबीआई से भी कहा है की आप बैंकों से जो अपडेट लेते हो कि हर हफ्ते हर फ्राइडे को आप बताते हो कि क्या चल रहा है ,आपकी बैंक ने आज क्या किया ,आरबीआई के पोर्टल पर भी यह कहा गया है कि अब बैंक आपको हर वीक रिपोर्ट न देकर 15 दिन में रिपोर्ट देगी इससे फायदा क्या होगा जो बैंक स्ट्रेस में रहती है कि हर हफ्ते हमें बैंक का वीकली क्लोजर देखे जाना है ,आरबीआई को अपडेट करना है , हमारे पास इतना कैश है ,हमारे पास इतनी लैंडिंग है ,हमारे पास इतनी उधारी है ,वह सारी की सारी रिपोर्ट आप 15 दिन में करनी पड़ेगी तो थोड़ा बैंकिंग सहूलियत में आ जाएगी , इसके साथ-साथ एक महीने और 3 महीने में भी आप रिपोर्ट देंगे। तो इस तरह से बैंक के ऊपर आरबीआई का जो कंट्रोल है उसे थोड़ा ढीला किया गया है ,ताकि बैंक आसानी से अपने बैंकिंग को और कर सके फ्राइडे के स्थान पर दो हफ्ते के एन्ड में कर सकें।

ये भी पढ़िए>>> IPO: कैसे ख़रीदे आईपीओ?

तो इसके बाद में जब यह बिल आया गया तो लोकसभा में पास हुआ स्पीकर ने ध्वनि मत से इसको पास करवा दिया। आप संसद की वेबसाइट ( https://mpa.gov.in/hi ) पर देख सकते हैं कि यह इस तरह से ग्रो होता हुआ यहां पर दिखाई दे रहा है – कि यह बिल लाया गया था और यह पास हो गया है। इसका कुछ क्रिटिसिज्म भी हुआ जो अपोजीशन ने किया। अपोजीशन ने कहा कि – इस तरह की बातें तो हुई लेकिन जैसे जब चीन के साथ में हमारे मामला खराब चल रहा था उस समय से बचने के लिए कुछ चर्चाएं नहीं की कि अगर गलती से कभी हमारे दूसरे देशों के साथ रिलेशन खराब हो तो हम क्या करेंगे ,सरकार कभी डिमॉनेटाइजेशन ले आए तो उसके लिए क्या प्रावधान है। साइबर सिक्योरिटी के लिए इस बैंकिंग बिल में क्या प्रावधान रखा है। तो वीपक्ष ने कंस्ट्रक्टिवली अपनी तरफ से सलाह दी और अपेक्षा की की बैंकिंग विधायक में यह सब बातें भी जोड़ दी गई होती।

ये भी पढ़िए>>> Gold investment in India: भारत में सोने में निवेश कैसे करें

इन सब की वजह से बैंकिंग सेक्टर के स्टोक्स ने सकारात्मक भाव देखा और आप न्यूज़ देख रहे हैं बैंक के स्टॉक में 1% इजाफा देखा गया है। तो बैंक निफ़्टी जो है उसके अंदर वृद्धि देखी गई है।
UCO बैंक के शेयर में इजाफा देख सकते हैं। सेंट्रल बैंक आफ इंडिया में देख सकते हैं। स्टेट बैंक आफ इंडिया में देख सकते हैं। तो कुल मिलाकर के बैंक के स्टॉक में सकारात्मक देखी गई। तो इस तरह से खबरों का असर स्टॉक पर पड़ता है।

ये भी पढ़िए>>> Fact check: क्या मोरिंगा( Moringa) में दही से नौ गुना अधिक प्रोटीन होता है?

 

 

Exit mobile version