बिटकॉइन समाचार यह है कि इसमें आज अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और यह पार कर गया है लाख की वैल्यू। आपको याद हो किस तरह से बिटकॉइन ट्रंप के आने के बाद चढ़े जा रहा है ,चढ़ते चढ़ते 90000 डॉलर का भाव क्रॉस कर गया था। जहां फरवरी में यह बैठा था 50 , 55 हजार डॉलर के आसपास एक बिटकॉइन ,आज वह बदलते बदलते ट्रंप के आने के बाद पहले 75 ,75 से 81 ,89 ,90 और आज सीधा पहुंच गया है $1 लाख के पार। यानी की $1 अगर 85 रुपए का डॉलर है तो 85 लख रुपए का एक बिटकॉइन आज के दिन पहुंच चुका है।
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जैसे ही यह प्राइस बाहर निकल कर आई ,पूरी दुनिया में ट्रेंड बिटकॉइन करने लगा और कारण खोजे जाने लगे कि यह इतना ऊपर चल कैसे गया। इसमें किस तरह से इतनी जबरदस्त बढ़त प्राप्त कर ली कि यह 102585 डॉलर का आंकड़ा क्रॉस कर गया एक साल में 118 परसेंट बिटकॉइन का दाम बढ़ गया। मतलब आप यह सोचकर देखिए की बिटकॉइन प्रेमियों के अंदर एक अलग लेवल का उत्साह है ,गजब लेवल पर इसकी तरफ से ट्वीट्स एंड ट्रेंड्स चल रहे हैं। लोग अपने-अपने तरीके से अपनी खुशियों का इजहार कर रहे हैं ,क्योंकि उन्होंने बिटकॉइन में निवेश किया हुआ था और वह मानते थे कि एक दिन बिटकॉइन $1 लाख पर जाएगा। क्या बड़े कारण रहे और कितना आगे तक यह जा सकता है और इस बात को लेकर के निवेशकों में क्या डर है सारे आज बात करेंगे।
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बहुत से लोगों का मानना है कि ट्रंप और एलन मस्क दोनों ही क्रिप्टोकरेंसीज के बड़े सपोर्टर रहे हैं ,उनके चलते ही इसको पंप मिला है। लोगों का कहना है कि जिन लोगों ने बिटकॉइन को अपने सिंगल इन्वेस्टमेंट पॉइंट ऑफ व्यू से चुनकर रखा था ,पिछले 4 साल में Biden एरा में भले ही कुछ ना हुआ हो लेकिन ट्रंप के आने के बाद से एकदम मालामाल काम चल रहा है। तो यह क्रिप्टोकरेंसीज हैं जो की इंडिविजुअल मतलब कोई भी व्यक्ति अगर इन्हें लेना चाहता है ,असल में इनका कोई मालिक नहीं होता है। पहले सबसे इंपोर्टेंट चीज़ यह है जैसे डॉलर का अमेरिका मालिक है रुपए का भारत मलिक है ऐसे ही इस क्रिप्टो करेंसी का कोई मालिक नहीं है। तो जब कोई सरकार नहीं है तो यह एल्गोरिथम से क्रिएट किया गया एक इंटरनेट पर किया गया टोकन है। फिलहाल मार्केट कैप के अंदर बिटकॉइन का मार्केट कैप दो ट्रिलियन डॉलर को पार कर चुका है और इस स्थिति को मार्केट देखने वाले लोग एक बड़े बदलाव के रूप में देख रहे हैं कारण तलाशे जाते हैं तो उसमें सबसे बड़ा कारण ट्रंप है जो अपने आप में चुनावी प्रचार में कहते आए थे कि –
१ – मैं अमेरिका को एक क्रिप्टो कैपिटल ऑफ प्लानेट बनाऊंगा। जब जुलाई 24 में उन्होंने यह कहा था तो उनके जीतते ही लोगों ने क्रिप्टो को अपने लिए एक सुरक्षित निवेश का ऑप्शन चुन लिया। आपको मालूम है ट्रंप की जिस प्रकार से अमेरिका फर्स्ट की नीतियां है उनके चलते पहले ही लोग अमेरिकी शेयर्स में निवेश कर रहे हैं और उनके कहने पर जो की वह क्रिप्टो को इतना फेवर करते हैं ,तो उन्हें लगता है कि जब अमेरिका जैसा देश क्रिप्टो को संरक्षण देगा ,तो निश्चित ही यह बहुत तेजी से ऊपर चढ़ेगा। उनका आना ना केवल अमेरिकी स्टॉक को चढ़ा रहा है बल्कि क्रिप्टो के भाव को भी ऊपर लेकर जा रहा है।
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२ – ट्रम्प ने हाल ही में क्या किया है जैसे भारत के अंदर सेबी है ना सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया जिसमें Madhabi Puri Buch जो इस समय सेबी की हेड है ऐसी ही अमेरिका के अंदर SEC है सिक्योरिटी एक्सचेंज कमीशन उसके अंदर ऐसे व्यक्ति को नियुक्त किया है ट्रंप ने (अभी ट्रंप खुद 20 जनवरी को बैठेंगे लेकिन अपनी टीम पहले ही सेलेक्ट कर ली है )और उसमें बिठाया है इन्होंने ATKIN नाम का एक व्यक्ति। यह सिक्योरिटी एक्सचेंज कमीशन जो है वह अमेरिकी एक्सचेंज पर कंट्रोल नियंत्रण रखती है ऐसे में ट्रंप ने अपनी तरफ से PAUL ATKINS को बिठाया है ,और PAUL ATKINS लंबे समय से डिजिटल असेट्स के बड़े पक्षधर रहे हैं यानी कि ट्रंप ने अपने आते ही जिस तरह का माहौल बनाया है कि वह ऐसे लोगों को लेकर आ रहा है जो संरक्षण देना चाहते हैं क्रिप्टोकरेंसीज को ,ऐसे में इनके साथ-साथ PAUL ATKINS की खबर बनना ,बड़ी खबर कहलाती है। मतलब लोग यह मान रहे हैं कि न केवल क्रिप्टो का मार्केट ऊपर चढ़ेगा बल्कि PAUL ATKINS जैसे लोग अगर मार्केट के अंदर संरक्षण करने आ जाएंगे तो फिर कभी कोई सरकार इन पर रोक नहीं लगाएगी। और जब अमेरिका किसी चीज को सपोर्ट कर रहा होगा तो सोच कर देखो दुनिया में किसी की मजाल कहां है कि वह उसके सामने खड़ा हो।
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३ – जैसे भारत के अंदर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया बैंकों का बैंक कहलाता है आरबीआई उसमें शक्तिकांत दास जो है वह आरबीआई के हेड बने हुए हैं ,ऐसे ही अमेरिका के अंदर एफबीआई है फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ़ अमेरिका है और जो फेडरल बैंक है अमेरिका की उसमें जो JEROME POWELL नाम से व्यक्ति है जो की चीफ है फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ़ अमेरिका के उस फेडरल रिजर्व के हेड JEROME POWELL ने एक बयान दे दिया है और वह बयान यह है ,इनका बयान बहुत बड़ा मायने रखता है उनके बयान में कहा गया है कि क्रिप्टो करेंसी यानी बिटकॉइन एक तरह का गोल्ड है। अब आप सोचो कि हमारा देश जहां क्रिप्टोकरंसी को लेकर इतना अनएक्सेप्टेबल है कि इसको नहीं चलने देना है ,भारत बहुत सख्त है क्रिप्टो को लेकर डरा हुआ है , क्रिप्टो पर 30 परसेंट तक टैक्स लेता है ,आरबीआई उसके खिलाफ सख्त है। ऐसे में वहां की बैंक का जो हेड है वह उसे गोल्ड बता रहा है। इनसे जब पूछा गया कि आप डॉलर को रिप्लेस करता हुआ देखते हैं क्या बिटकॉइन को ,तो इन्होंने कहा- नहीं क्योंकी डॉलर एक देश की करेंसी है ,बिटकॉइन ऐसी करेंसी है जिसे कोई कंट्रोल नहीं करता ,जस्ट लाइक गोल्ड। अब इन्होने इस तरह से कहा था लेकिन लोगों ने अपनी जरूरत के हिसाब से ऐसे ले लिया कि – JEROME POWELL कह रहे हैं कि बिटकॉइन कंपीटीटर टू गोल्ड है ,असल में सच बात यह है कि यह कहना चाह रहे हैं कि गोल्ड को जैसे कोई देश कंट्रोल नहीं करता की गोल्ड के भाव इतने होंगे ,डॉलर के भाव अमेरिका कंट्रोल करता है कि मैं तो इतने में ही बेचूंगा क्योंकि मेरी करेन्सी है ,लेकिन गोल्ड तो मार्केट में मार्केट डिमांड और सप्लाई पर चलता है , ऐसे ही बिटकॉइन भी डिमांड सप्लाई पर चलता है। लेकिन JEROME POWELL इन्होंने यह बात जब बोली तो मार्केट के इन्वेस्टर को लगा कि इतने बड़े लोग भी इस गोल्ड मानते हैं ,तो इसका मतलब यह गोल्ड ही है चलो इसमें निवेश करते हैं। तो JEROME POWELL का यह कहना इस बात को और ज्यादा बढ़ावा दे गया मतलब एक साथ बहुत से कारण बनने लगे। तो आप सोचिए कि JEROME POWELL बोलने लग रहे हैं ,इससे पहले PAUL ATKINS बोलने लग रहे हैं ,ट्रंप बोलने लग रहे हैं सब चीजे एक साथ चलने लगी ,तो लोगों को लगने लगा कि अब तो बिटकॉइन मतलब गोल्ड का पौधा ही हमने लगा लिया है।
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एक बहुत बड़ा इन्वेस्टमेंट प्लानर है जिसका नाम है Robert Kiyosaki। Robert Kiyosaki जिसके किताब को पढ़कर बहुत सारे लोगों ने निवेश सीखा है ,”रिच डैड पुअर डैड ” के नाम से किताब आती है इसकी। उसने प्रेडिक्शन दे रखा था कि 2025 तक बिटकॉइन का भाव $5 लाख क्रॉस कर जाएगा। जो लोगों के थॉट पर कंट्रोल करते हैं वह लोग अगर ऐसा बोलने लगे ,तो फिर लोगों में लगता है कि जब इतने समझदार लोग ऐसा बोल रहे हैं ,तो सही होता होगा। इंटरेस्टिंग बात यह है की हो सकता है इन लोगों ने भी पैसा उसमें लगा रखा हो , बढ़िया पैसा बनाने के लिए। लेकिन डॉलर वगैरह को तो लोग कंट्रोल कर लेते हैं ,बिटकॉइन को कोई कंट्रोल तो कर नहीं पा रहा है ,तो इन्हें डर भी नहीं है ,कुछ भी बोले चले जा रहे हैं। और कुछ भी बोले चले जा रहे हैं तो इन्होंने हाल ही में ट्वीट किया कि – मैंने AI से पूछा कि बताओ बिटकॉइन का भाव 2025 में कितना जाएगा ?AI बोली की $5 लाख जाएगा। तो मैं खुद कहता हूं कि यह $5 लाख तक जाएगी तो बिटकॉइन ने $100000 जैसे ही क्रॉस किया ,Robert Kiyosaki ने धूमधाम मचा दी, तो यह वह लोग हैं जो की बिटकॉइन के समर्थक हैं। और समर्थक है तो एक माहौल ऐसा बनता है कि ” भाई मजा आ गया “। इसी बीच में ट्वीट और वायरल हुआ और वह ट्वीट था एक व्यक्ति का जिसने नाईब बुकेले ( Nayib Bukele )को टैग किया हुआ था। अब यह Nayib Bukele की क्या कहानी है ? -असल में एक देश है सेंट्रल अमेरिका में जिसका नाम है (el salvador )एल साल्वाडोर उसके राष्ट्रपति हैं Nayib Bukele ,उन्होंने 2021 में ही बिटकॉइन को अपने यहाँ की करेन्सी घोषित कर दिया था – कि मैं बिटकॉइन में ही ट्रेड करूंगा।
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यह है नाईब बुकेले और इन्होंने 2021 के अंदर एल साल्वाडोर में क्रिप्टो करेंसी को अपने यहां की करेंसी घोषित कर दिया – कि हम क्रिप्टो में ही पेमेंट लेंगे। इनको लोग टैग करके पूछने लगे – की कितना पैसा बना लिया।
इनसे जब लोग पूछने लगे की कितने का आपका पोर्टफोलियो हो गया है,तो इन्होंने अपना पोर्टफोलियो दिखा दिया। वह पोर्टफोलियो देखकर लोगों की सांसे खराब हो गयी, 60 करोड डॉलर का पोर्टफोलियो ,मतलब देखो सात जीरो के बाद करोड़ शुरू होता है ,तो 60 करोड डॉलर का इनका पोर्टफोलियो बना 123 परसेंट का इजाफा। क्योंकि मार्केट में इस तरह का रश आया है।
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अब इसके बाद में बड़ा सवाल यह बना – इतना सारा स्टॉक इन ने खरीद रखा था ,तो इन्होंने पहले ही कह दिया था कि मैं हर दिन एक बिटकॉइन खरीदूंगा। एक बिटकॉइन वैसे भी उस समय लगभग 36 लख रुपए का आता था। ये हर दिन एक बिटकॉइन परचेज करते जा रहे थे ,नवंबर 17 को इन्होंने घोषणा की थी और आज इनका पोर्टफोलियो इतना बड़ा हाईलाइट होकर दुनिया में छा रहा है। रशिया यूक्रेन वॉर के समय रूस को जिस तरह से सैंक्शन किया गया ,बड़े सवाल उठने लगे कि – आगे क्या होगा ? लेकिन रूस को ब्लॉक करने के बावजूद भी अगर दुनिया ट्रेड कर रही है तो फिर दिमाग लगने लगे ,दिमाग लगाते लगाते पहुंचे रुसी सैंक्शंस पर की रूस कैसे ट्रेड कर रहा होगा। जानकारी निकाल कर आती है कि पुतिन खुद बिटकॉइन को लेकर के काफी बड़े सपोर्टर हैं ,वह खुद कहते हैं कि डॉलर पर तो आप पर कंट्रोल कर लोगे पर बिटकॉइन को कैसे कंट्रोल करोगे और लोग बिटकॉइन में ट्रेड कर रहे है।
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देखो ट्रंप भी बिटकॉइन समर्थक और पुतिन भी बिटकॉइन समर्थक है ,तो एक तरह से दोनों रिवर्स पोल बिटकॉइन के समर्थक हो गए। नॉर्थ कोरिया जिसको सबने सैंक्शन कर रखा है वह बिटकॉइन की माइनिंग करता है। बिटकॉइन की माइनिंग का मतलब क्या है ?बहुत हैवी वेट कंप्यूटर के अंदर लंबे समय तक प्रोग्राम चलते रहते हैं ,एक एल्गोरिथम के बाद बनकर बिटकॉइन आता है। तो नॉर्थ कोरिया बिटकॉइन बनाने में ही लगा हुआ है तो वह अपना अलग करेन्सी बनाकर चल रहा है।तो देखो बिटकॉइन को लेकर के बहुत सारे लोग पहले से डरे रहते हैं कि – यह फटेगा ,यह फटेगा। और फटने के पीछे का बड़ा कारण है क्योंकि बिटकॉइन क्यों चढ़ता है ? बिटकॉइन क्यों घटता है ? इसका कहीं सेट आंसर नहीं लिखा है। यह बिल्कुल एक आभासी मुद्रा है लोगों को यह कहा गया है कि दुनिया भर में कुल मिलाकर 2.1 करोड़ बिटकॉइन ही बनेंगे। इतने कॉइन को खरीदने के लिए लोग कोई इसी का इतना सा अंश खरीद ले रहा है ,कोई पैसा बराबर खरीद ले रहा है ,कोई 10 पैसे बराबर खरीद ले रहा है ,इतना बिटकॉइन लोग खरीद खरीद के चल रहे हैं। तो बिटकॉइन का निर्माण जो है वह होता है कंप्यूटर की प्रोग्रामिंग से यानी कि एल्गोरिथम से। बनाने वालों का अनुसार यह की साल 2140 तक 15 लाख बिटकॉइन और माइन हो सकते हैं ,2. 1 करोड़ माइन की लिमिट है ,मतलब इतने ही बिटकॉइन बन पाएंगे। तो इसका मतलब यह है कि बिटकॉइन की एक सीमा है ,ऐसा नहीं है कि डॉलर को मिनट के अंदर जाके छाप लो ,प्रिंटिंग प्रेस पर जाके छाप लो। इसके साथ ऐसा हो नहीं सकता तो इसकी वजह से लोगों में एक फोमो क्रिएट होता है – कि पूरी दुनिया को मात्र 2. 1 करोड़ बिटकॉइन मिलेंगे। अब उस बिटकॉइन को जिसने खरीद लिया जैसे पेंटिंग को किसी ने इन्वेस्ट करके खरीद लिया तो बोले इसको खरीद लिया तो वह राजा होगा तो फिर यह तो एल्गोरिथम से बनी हुई चीज है ,माइनिंग से बनाई गई चीज है ,तो ऐसे में होल्डर क्या करते हैं इसको ज्यादा से ज्यादा मात्रा में खरीद रहे हैं। अब इसको दूसरे तरीके से समझ सकते हैं ,बिटकॉइन के भाव को जहां एक और चढ़ते हुए देखकर बहुत से लोग इसलिए भी परेशान होंगे कि मुझे तो समझ में नहीं आ रहा है कि लोग बावले हैं क्या जिसमें इतना पैसा लगा रहे हैं। देखो आप में से बहुत सारे लोगों ने असल में कंपनी के बोर्ड बैठक में हिस्सा नहीं लिया ,लेकिन फिर भी शेयर में पैसा इन्वेस्ट किया ,आपको लगा कि कंपनी चल रही है तो मेरा शेयर चल रहा है ,आपको कंपनी चलती हुई दिख रही है ऐसे ही बहुत से लोगों ने उसे पर्दे को भी मिटा दिया। उनकी नजर में यह है कि कुछ लोगों ने किसी चीज पर दाव खेला हुआ है की दुनिया में इतनी बड़ी आबादी है और उसे इतनी बड़ी आबादी के लिए 2. 1 करोड़ ही सिक्के हैं जिनको खरीद लो वह भी VIRTUAL है। आप उसका कोई ना कोई होल्डिंग अपने पास रख सकते हो। तो मार्केट में जो डिमांड क्रिएट होगी वह सप्लाई के कंट्रोल होने से और बढ़ती चली जाएगी ,जिससे दाम बढ़ेंगे। तो सबसे डरावना यह है कि अगर कोई भी प्रोग्रामिंग का हैकर किसी तरह से निकाल कर आ गया इस बिटकॉइन के एल्गोरिथम को क्रैक करने वाला कोई नया एल्गोरिथम आ गया ,कुछ फर्जी एल्गोरिदम्स ऐसे आ गए जो बिटकॉइन जैसा ही कुछ और बनाकर फर्जी बड़ा करने लग गए। तो यह बुम बस्ट भी हो सकता है ,क्योंकि टेक्नोलॉजी पर अति डिपेंडेंसी ,असल मायने में जो इतनी भी करेंसी हैं वह अपने अगेंस्ट कोई वैल्यू रखती हैं। अगर डॉलर का भाव है तो इसका मतलब है कि डॉलर इस बैक्ड बाय गोल्ड ,अगर रुपए की वैल्यू है तो रुपया इस बैक्ड बाय गोल्ड और सम ऐसेट और फॉरेक्स ,यानी इतना रुपया दोगे तो इतना तो माल मिल ही जाएगा। बिटकॉइन इस NEVER EVER WILL मतलब यह वह वाली स्थिति है ना तो है ना कभी होगा और ना हो सकता है ,कोई भी कंट्री उसकी बैकिंग करने को तैयार नहीं है कि – इतने बिटकॉइन में मैं आपको इतना गोल्ड दे दूंगा। तो ऐसे में यह जो आभासी मुद्रा के रूप में जो फीलिंग है ना ,यही इसका सबसे बड़ा डर है। हर देश की मुद्रा अपने एसेट से बैकिंग पाती है ,इतना रुपया में इतना मिलेगा अदरवाइज तो फिर लॉटरी के टिकट ही खरीद लो। लेकिन असल में करेन्सी उस चीज से वैल्यू पाती है ,तो बिटकॉइन का यही सबसे बड़ा डर है कि इसके बदले में कोई भी देश तैयार नहीं है जो यह कह दे -” कि हां मैं इसको बैकिंग दे रहा हूं। मतलब इसके बदले में मैं इतना सामान आपको दे दूंगा मैं मानता हूं बिटकॉइन का संरक्षक मैं हूं “। तो यह आभासी मुद्रा है ,अब आभासी मुद्रा कब किस तरह से ब्रेक हो जाए टेक्नोलॉजी के जमाने में नहीं पता , आपको लगता है कि आप इसमें सेफ है तो आप निवेश करें ,बाकी तो निवेश करने के लिए सही तरीका शेयर ही है।
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